मुख पृष्ठUncategorizedचंडीगढ़: " उड़ान" थीम के अंतर्गत, विद्यार्थियों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए सात दिवसीय...

चंडीगढ़: ” उड़ान” थीम के अंतर्गत, विद्यार्थियों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए सात दिवसीय समर कैंप का आयोजन

– शुभारम्भ में श्री दुष्यन्त कुमार जीएम, ओएफसी,रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय बतौर मुख्य अतिथि शिरकत

– शिविर के समापन पर तुलसी के पौधे देकर 200 बच्चों के साथ मनाया पर्यावरण दिवस

– माउंट आबू से पधारे भाई आत्म प्रकाश और एसडी स्कूल की प्रिंसिपल मोनिका शर्मा बतौर चीफ गेस्ट

चंडीगढ़: राजयोग भवन, सैक्टर 33-A, के प्रांगण में 30 May, 2024 से लेकर 5 June, 2024 तक सफलतापूर्वक- आयोजित, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट समर- कैंप में, 200 से अधिक, 10 से 18 वर्ष की आयु वाले किशोर/ किशोरियां ने भाग लिया। शिविर का उद्घाटन 30 मई को श्री दुष्यंत कुमार जीएम, ओएफसी रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, श्रीमति रूबी एवं ब्रह्माकुमारीज़ चंडीगढ़ की निदेशिका राजयोगिनी उत्तरा दीदी के द्वारा कैंडल लाइटिंग के साथ किया गया।

कैंप में बच्चों ने, कैसे लिखित पत्र द्वारा अपनी भावनाएं परमात्मा पिता के साथ सांझा की जाती हैं, यह सीखा। साथ ही साथ एकाग्रता बढ़ाने के कई उपाय और पौसीटिव ऐफरमेंशंस का महत्व भी जाना। बच्चों को स्वयं का भाग्य बदलने व निर्माण करने के कुछ महत्वपूर्ण कदम बताये जिसमें उन्होंने समय के महत्व और अच्छी आदतों को बड़े विस्तार से समझा ।
साथ साथ “डिजिटल डीटौक्स” के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी देते हुए डिजिटल की अधिकता के जीवन में नुकसानों से भी बच्चों को अवगत कराया गया । साथ ही साथ सभी को मैडीटेशन द्वारा शांति का दिव्य अनुभव भी कराई गयी, इंस्पीरेशनल वीडियो द्वारा बच्चों को मोटीवेट किया गया और कई गेम्स व रिडलज़ आदि एक्टीविटीज कराईं।
इस बाल व्यक्तित्व विकास शिविर में बच्चों में बढ़ रहे तनाव पर चर्चा करते हुए नेहा बहन ने नेगेटिव थाट को पाज़िटिव थाट में कन्वर्ट करने के भी कई उपाय बताए और साथ ही कई ब्रेन ऐकटीवेटिंग गेम भी कराई।
कैंप के आखिरी दिन सात दिवसीय समर कैंप का समापन, बच्चों को तुलसी के पौधे उपहार में दे कर और पर्यावरण दिवस मना कर किया गया। इस मौके पर माउंट आबू से पधारे भाई आत्म प्रकाश और एसडी स्कूल की प्रिंसिपल मोनिका शर्मा बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। भाई आत्म प्रकाश जी ने कहा कि मुल्यों के बिना जीवन का कोइ मूल्य नहीं होता। बाहर की पर्सनैलिटी के साथ साथ हमें इनर पर्सनैलिटी पर भी ध्यान देना होगा।
वहीं मोनिका शर्मा जी ने कहा कि किसी भी बच्चे की कमज़ोरी कभी उसके ख़ुद की वजह से नहीं होती बल्कि वो जो देखता है वो ही बनता है। इसलिए माता पिता बच्चों को बचपन से ही सकारात्मक सोचने की आदत डालें। माता-पिता को बच्चों के लिए आदर्श बनना होगा क्योंकि वे अपने माता-पिता को जो करते देखते हैं उसकी नकल करते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ चंडीगढ़ की निदेशिका राजयोगिनी उत्तरा दीदी ने अंत में सभी बच्चों को सर्टिफिकेट दिये और स्वयं के तथा दूसरों के गुणों और विशेषताओं को देखने की प्रेरणा दी।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments