जालंधर: “घर बने मंदिर”- इस कार्यक्रम

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जालंधर,पंजाब: आदर्श नगर स्थित ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र पर भीनमाल (राजस्थान) से आईं राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता दीदी जी के प्रवचन का कार्यक्रम रखा गया जिसमें उनका विषय था – “घर बने मंदिर”। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री महिंदर भगत जी भी विशेष तौर पर पहुंचे।

अपने सम्बोधन में आदरणीय गीता दीदी जी (ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र प्रभारी, भीनमाल) ने सभा को बहुत ही सरल शब्दों में बताया कि हम अपने घर को मंदिर कैसे बना सकते हैं। पारिवारिक रिश्तों को अच्छा बनाये रखने के लिए उन्होंने बताया कि हम सामने वाले को सिर्फ खुद की बात को समझाने के साथ-साथ उसकी बात और उसकी भावना को समझने का प्रयास भी अवश्य करें। जिस तरह दुनिया में दूर बैठे लोगों के साथ सोशल मीडिया के ज़रिये कनेक्ट होने के लिए हम घंटों अपनी गर्दन झुका कर फ़ोन को देखते रहते हैं, उसी प्रकार यदि परिवार में रहने वालों के साथ अच्छा रिश्ता कायम रखना है तो कुछ भी बात होने पर उनके सामने झुक जाना चाहिए। सामने वाले से माफ़ी की कामना न रखते हुए स्वयं झुक कर माफ़ी मांग लेने से रिश्ते सुन्दर हो जाते हैं। कभी भी नाराज़ होकर बात करनी बंद नहीं करना चाहिए। बल्कि बड़ा दिल रख कर माफ़ कर देना चाहिए और बात करते रहना चाहिए। बात करेंगे तो बात बनेगी। बात बंद कर देने से गलतफहमियां और भी बढ़ जाती हैं। रिश्तो को बचाकर रखने के लिए सब से अहम् है मन कि शांति। इसके लिए दीदी जी ने सबको पांच मिनट मैडिटेशन भी करवाया।

संधीरा दीदी जी (ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र प्रभारी, जालंधर) ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि घर को यदि मंदिर बनाना चाहते हैं तो मंदिर में देवताओं का वास होता है। इसलिए स्वयं में भी देवताओं जैसे दैवी गुणों की धारणा करनी होगी। दैवी गुणों की धारणा सिर्फ मैडिटेशन के द्वारा ही संभव है। उन्होंने मैडिटेशन कोर्स के लिए सबको आमंत्रित भी किया।    

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री महिंदर भगत जी (कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार) ने भी सभा को सम्बोधित किया और कहा कि यह आज की सच्चाई है कि आज रिश्ते बिखरते जा रहे हैं जिसका एक ही कारण है कि आज रिश्तों से भी ज़्यादा अहमियत धन की हो गयी है। परन्तु हमें समझना चाहिए कि व्यक्ति को हमेशा एक दूसरे के साथ और संभाल की आवश्यकता होती है। अकेले चलते-चलते वो कभी न कभी टूट जाता है, बेसहार हो जाता है, भटक जाता है। इसलिए हमेशा परिवार में एकता बनाये रखना चाहिए। धन से ज़्यादा अहमियत अपने माँ-बाप और अन्य रिश्तों को देनी चाहिए।

अंत में राजयोगिनी गीता दीदी जी और राजयोगिनी संधीरा दीदी जी ने मुख्य अतिथि श्री महिंदर भगत जी को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया और प्रभु प्रसाद भी दिया। इसके पश्चात सभी को प्रसाद बांटा गया।

तस्वीर में: मुख्य अतिथि श्री मोहिंदर भगत जी (कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार) को ईश्वरीय सौगात प्रदान करती हुईं ब्र कु गीता बहन (सेवाकेंद्र प्रभारी, भीनमाल) तथा संधिरा बहन (सेवाकेंद्र प्रभारी, जालंधर)।

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