वैश्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन-
आज पूरा विश्व विभिन्न युद्धों से घिरा हुआ है, ऐसे में शांति का संदेश वर्तमान समय की अनिवार्यता है: मुख्यमंत्री धामी
आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर चिंतन-मंथन किया। इस दौरान नोएडा के जी मीडिया के प्रबंध संपादक राहुल सिन्हा और जयपुर के दैनिक भास्कर के राज्य संपादक मुकेश माथुर को पत्रकारिता में उनके उल्लेखनीय योगदान पर ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्र चेतना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सुबह के सत्र में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन का सार है वसुधैव कुटुम्बकम्। आज पूरा विश्व विभिन्न युद्धों से घिरा हुआ है और लोग वास्तव में तृतीय विश्व युद्ध होने की आशंका भी व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे समय में हमारी संस्कृति और सनातन परंपरा में कहा गया है अयं निज: परोवेति गणना लघुचेतसाम् उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश विश्व की शांति की लिए है। केवल एक शांति का उपदेश नहीं है बल्कि वर्तमान समय और परिवेश में एक अनिवार्यता है। जिसे आज हम समझ जाएं तो बहुत अच्छा है। यदि नहीं समझे तो कल अवश्य समझना पड़ेगा। भाईचारे का संदेश आज भी उतना ही प्रासांगिक है जितना की पहले था। आज हम भागदौड़ की जिंदगी में सच्ची खुशी और आंतरिक शांति को भूल गए हैं। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां हमने सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) लागू किया है। इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों में कैसे संतुलन बना रहे।
आध्यात्मिक चिंतन से जीवन में आता है सकारात्मक बदलाव-
सीएम धामी ने कहा कि जैसे नई टेक्नोलॉजी हमें भौतिक सुख प्रदान करती है, वैसे ही आध्यात्मिकता हमें आंतरिक सुख प्रदान करती है। साथ ही शरीर, मन और आत्मा में संतुलन बनाने का काम करती है। वर्तमान में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था नैतिक मूल्यों से लोगों को पथ प्रदर्शित कर रही है। पूरे विश्व के अंदर करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का कार्य संस्थान द्वारा किया जा रहा है। आध्यात्मिक चिंतन से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस बदलाव को मैंने अपने जीवन में स्वयं भी महसूस किया है। आध्यात्मिकता केवल जीवन की आवश्यकता नहीं है, बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। ब्रह्माकुमारीज़ एक संस्थान ही नहीं है बल्कि यह कलियुग से सतयुग की स्थापना का एक महान कार्य है।
15 वर्ष से ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़ा हूं-
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भारत की भूमि से उपजा यह संस्थान विश्व के कोने-कोने में शांति और मानवता का संदेश देने का कार्य कर रहा है। अध्यात्म और मानवता के लिए कार्य कर रहा है। मैं आज यहां स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने के लिए आया हूं। मैं आप सभी लोगों के बीच जिज्ञासु बनकर आया हूं। यहां आने के बाद अपने भीतर विशेष प्रकार की आंतरिक शांति की अनुभूति हो रही है। करीब 15 साल से ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यक्रमों में जाता रहा हूं। मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी से मुलाकात हुई, उनका आशीर्वाद मिला। खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं।
अध्यात्म के अभाव में लोग दौड़े जा रहे हैं-
उप्र के गोरखपुर से सांसद व अभिनेता रवि किशन ने कहा कि मैं कलाकार हूं तो मुझे चेहरे पढ़ना आता है। यहां आकर बहुत शांति महसूस हो रही है। यहां हम शांति ढूंढने आए थे। जीवन में चलते-चलते रुक जाना यही लोग नहीं समझ पाते हैं। लोग निरंतर जैसे कुछ पाना चाहते हैं, दौड़ना चाहते हैं। मैं कला में देख रहा हूं, राजनीति में देख रहा हूं हर क्षेत्र में लोग निरंतर भागे जा रहे हैं। हमने भारत के पार्लियामेंट में पहली बार ड्रग्स पर बात की। अध्यात्म नहीं होने से लोग नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं। लोगों की ऐसी मानसिकता है कि सोचते हैं कि बुढ़ावे में ईश्वर को याद कर लेंगे लेकिन जब कदम ही नहीं चलेंगे तो कैसे तीर्थ यात्रा करेंगे।
अपने मन को तांके कौन…
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. मोहित गुप्ता ने कहा कि ढूंढ रहे दुनिया में कमियां, अपने मन को तांके कौन। दुनिया सुधरे, जग सुधरे, खुद को आज सुधारे कौन। परउपदेश कुशल बहुतेरे, खुद पर आज विचारे कौन। हम सुधरे जग सुधरेगा ये सीधी बात विचारे कौन। संसार का परिवर्तन, जीवन का परिवर्तन। वसुधैव कुटुम्बकम् यह केवल शब्दों का खेल नहीं है यह भावनाओं और संकल्पों के परिवर्तन की कहानी है। यदि हमारा संकल्प परिवर्तित होता है तो हमारी दृष्टि परिवर्तित होती है। जब दृष्टि परिवर्तित होती है तो हमारी कृति परिवर्तित होती है। हमारी वृत्ति और संस्कृति परिवर्तित होती है और हमारी सृष्टि भी परिवर्तित हो जाती है।
इन्होंने भी व्यक्त किए अपने विचार-
– नोएडा के जी मीडिया के प्रबंध संपादक राहुल सिन्हा ने कहा कि अध्यात्म और सनातन से मेरा शुरू से गहरा रिश्ता रहा है। जब-जब मैं अध्यात्म और सनातन के करीब पहुंचता हूं तो मुझे नई ऊर्जा मिलती है, वह ऊर्जा मुझे आज मिल रही है, यही मुझे काम करने की प्रेरणा देती है। ब्रह्माकुमारीज़ जो योग का संदेश लेकर चल रही है, वह आज के तनावपूर्ण माहौल में बहुत जरूरी है। संस्था द्वारा नशामुक्ति को लेकर जो अभियान चलाया जा रहा है वह एक तरह से यज्ञ है और इसमें आहुति देना बहुत महत्वपूर्ण है। आज के वक्त में योग का संदेश सभी के लिए बहुत जरूरी है।
– जयपुर के दैनिक भास्कर के राज्य संपादक मुकेश माथुर ने कहा कि पत्रकारों के पास नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की खबरें आती हैं और हम उनमें जीते हैं। लेकिन उस नकारात्मकता से कैसे हमें डील करना है यह सवाल हम पत्रकार रोज अपने आप से पूछते हैं। आज दुनिया में युद्ध चल रहा है। दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर खड़ी है। दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है। आधी दुनिया इजराइल पर हमला तो आधी दुनिया हिजबुल्लाह पर हमले की खुशी मना रही है। कोई ये नहीं समझ पा रहा है हमला कहीं भी हो कोई न कोई इंसान ही मरेगा। आज नकारात्मकता का जीया जा रहा है। समाज जिस दिशा में बढ़ रहा है, ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ का यह मंच, यह ईको सिस्टम कैसे बढ़ा बदलाव ला सकता है, यह सब लोगों को नजर आता है।
इनका किया सम्मान-
इस मौके पर संस्थान की ओर से केंद्रीय रेल राज्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट का विशेष रूप से सम्मान किया गया। वहीं एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. चेतन सिंह सोलंकी को मानवता के संरक्षक पुरस्कार से नवाजा गया। संस्थान के उत्तराखंड में बीके मेहरचंद भाई ने राज्य में संस्थान द्वारा की जा रही सेवाओं की रिपोर्ट पेश की। सोनालैक पेंट्स के एमडी बीके राधे श्याम गर्ग ने स्वागत भाषण दिया। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने राजयोग मेडिटेशन से गहन शांति की अनुभूति कराई। राशि अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मैंगलोर से आए श्रीविद्या मुरलीधर सौरभ संगीत नृत्य कला परिषद के कलाकारों ने स्वागत नृत्य पेश किया। मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। गोरखपुर से विधायक प्रदीप शुक्ल सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। संचालन हैदराबाद की बीके अंजली बहन ने किया।