प्रश्न : मेरा नाम अर्शदीप है और मैं पटियाला से बिलॉन्ग करता हूँ। मैं मेरे शरीर में होने वाले दर्द से परेशान हूँ। ये दर्द कभी मेरे सीने में, कभी दिल में, कभी पेट में, और कभी गले में होता रहता है। अभी तक मैंने 2 बार एंडोस्कॉपी और 3 बार अल्ट्रासाउंड और 1 बार अपनी हार्ट बीट को भी चेक करवा लिया है। मगर टेस्ट में कुछ भी नहीं आता। मैं इस बीमारी से करीब डेढ साल से परेशान हूँ। मगर दर्द है कि बंद ही नहीं होता। सभी डॉक्टर्स कह देते हैं कि कोई टेंशन है। मगर मैं जानता हूँ कि मुझे कोई भी टेंशन नहीं है। इसको लेकर मैंने एक साइकेट्रिक को भी दिखाया था। लेकिन उसकी मेडिसिन लेने के बाद भी यही कुछ चलता रहता है। मैं क्या करूँ?
उत्तर : समस्या बड़ी तब हो जाती है जब डॉक्टर्स उसको समझ नहीं पाते हैं। और ऐसे बहुत सारे केसेज में देखा जाता है कि इसके पीछे कोई दूसरे रहस्य होते हैं। कुछ लोग विश्वास करते हैं और कुछ नहीं करते हैं। कुछ ईर्ष्यालु लोग मंत्र करके चीज़ खिला-पिला देते हैं। ये परेशान रहे लडक़ा, अच्छा न पढ़ सके। सबकुछ बिगड़ जाये इनका। मैंने कई केस ऐसे डील किए हैं। इसमें 1-2 चीज़ें बहुत कारगर सिद्ध हुई हैं, वो आपको भी बता देता हूँ। निश्चित रूप से आप ठीक हो जाएंगे। क्योंकि ये मूविंग पेन हो गया ना। तो ये निश्चित रूप से कोई निगेटिव एनर्जी का काम है। तो आपको एक तो चार्ज करके पानी पीना है। जब भी आप पानी पिएं तो पानी को दृष्टि देकर सात बार संकल्प करेंगे कि मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। तो पानी चार्ज हो गया। अब ये पानी अच्छी मेडिसिन बन गया। अब ये जो चार्ज वॉटर है ये किसी भी निगेटिव इफेक्ट को समाप्त करने में बहुत समर्थ रहता है। मुझे विश्वास है कि दो-तीन दिन में ही आपको बहुत फायदा हो जायेगा। और कम से कम पाँच बार आप ऐसा पानी पी लें और सवेरे उठते ही और रात को सोते समय 21-21 बार संकल्प करेंगे कि मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ और मेरा ये दर्द समाप्त हो गया है। मैं सम्पूर्ण हेल्दी हूँ। ये सब्कॉन्शियस माइंड को भेजें। विशेषकर सोने से पहले। उठते ही मैंने इसलिए कहा क्योंकि ये दूसरे तरह का दर्द है। उठते ही करेंगे तो आपके बॉडी में बहुत अच्छे वायब्रेशन्स जायेंगे। और निगेटिव एनर्जी अन्दर काम कर रही है उसको नष्ट करेंगे। एक तीसरा भी अभ्यास है, आप राजयोग का अभ्यास अवश्य करते होंगे, मैं आत्मा भृकुटी में हूँ, मैं बहुत शक्तिशाली हूँ, मैं भगवान का बच्चा, मुझसे शक्तियों की लाल किरणें फैल रही हैं। और वो पहले ब्रेन में जा रही है, फिर पूरे देह में फैल रही है। ऐसा फील करेंगे कि मैं आत्मा ब्रेन के बीच में हूँ। वायब्रेशन्स लाल शक्तियों के फैल रहे हैं। ब्रेेन में भर रहे हैं और फिर पूरी देह में फैल रहे हैं। और उस दर्द को, जो भी निगेटिव इफेक्ट है उसको नष्ट कर रहे हैं। एक-एक मिनट करेंगे पाँच-सात बार दिन में। तो मुझे पूर्ण विश्वास है, जैसा कि आज तक का हमारा अनुभव है ऐसे केसेज में जोकि बहुत जल्दी, तीन-चार दिन में ही ठीक हो जाते हैं।
प्रश्न : सात-आठ महीने से मेरा जो बेटा है वो फोन नहीं करता, बात नहीं करता। वो कहाँ है ये भी मुझे पता नहीं है। क्या उसके लिए कुछ किया जा सकता है?
उत्तर : निश्चित रूप से माँ का दिल तो बड़ा हर्ट होता है। माँ को तो बच्चे ही सबकुछ हैं। बच्चे अगर मिले ही नहीं, देखना तो दूर रहा वो बात भी नहीं करता। और इससे बड़ी बात कि ये भी पता नहीं कि वो कहाँ पर है। तो आपके मन में एक अनिश्चितता रहती है। कहाँ चला गया, कहीं उसे कुछ हो तो नहीं गया। कहीं कुछ हो न जाये, हमें कुछ पता ही नहीं है तो हम उसके लिए क्या करेंगे। मनुष्य के मन में अनेक प्रकार के संकल्प और भय पैदा होता है। और बच्चे हैं कि कहीं पर भी लग जाते हैं। लेकिन इनके समाधान हैं। मैंने पहले भी कहा कि पाँच ऐसे केस जो अच्छे सफल हो चुके हैं, जो बच्चे पाँच-पाँच साल से गुम गये थे और घर से लड़ाई-झगड़ा करके चले गए थे। ना फोन करते थे, ना बताया था कि कहाँ हैं। तो आपको पहला काम करना है, 108 बार एक टाइम फिक्स करके लिखें या याद करें जो भी आपको सहज हो मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ और फिर अपने बच्चे को आत्मा देखकर कि तुम एक बहुत अच्छी आत्मा हो, उसका आह्वान करें कि हम तुम्हें बहुत याद कर रहे हैं आ जाओ। ये काम रोज़ शाम के टाइम कर सकते हैं, सवेरे के टाइम कर सकते हैं। दूसरी एक चीज़ पाँच बजे करनी है, उसे आत्मा देखकर पाँच मिनट तो गुड वायब्रेशन्स देने हैं। इसकी विधि हम हमेशा बताते रहते हैं मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ, मुझसे शक्तियों की किरणें निकलकर उसे जा रही हैं। उसका चेहरा देखेंगे और मस्तक में आत्मा कि इसे जा रही हैं। पाँच-सात बार रिपीट कर लें कि मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। शक्तियों की किरणें उसे जा रही हैं फिर मन से उससे बात करें कि तुम तो बहुत अच्छे हो, तुम तो हमारे नैनों के नूर हो, अरे तुम हमारे बहुत अच्छे लाल हो। हम तुम्हें बहुत प्यार करते हैं। ठीक है अगर हमने तुमसे कुछ कह दिया, हमसे कुछ गलती हुई तो हम क्षमा चाहते हैं। घर वापिस आ जाओ। फोन तो करो। रोज़ एक ही समय पर करेंगे। ये करेंगे तो उससे रहा नहीं जायेगा फिर। जैसे ही वो उठेगा तो उसका सब्कॉन्शियस माइंड उसे रिसीव कर लेगा। पेरेन्ट्स को हम सजेस्ट करते हैं कि एक तो अपने बच्चों को प्यार की दृष्टि दो रोज़। वहीं से ही दूर से ही, भले आप अपने कमरे से ही दे दो। ये बहुत अच्छी आत्मायें हैं। ये सचमुच बहुत चरित्रवान हैं। ये बड़े आज्ञाकारी हैं, बहुत अच्छे हैं। ऐसी फीलिंग्स दो, ऐसे वायब्रेशन्स दो। और वायब्रेशन्स जायेंगे इन संकल्पों से। हम ये संकल्प करेंगे तो ये संकल्प उनको जाने लगेंगे। दूसरी एक जो बहुत इम्र्पोटेंट चीज़ है कि हम उनको आत्मा देखकर स्वयं को स्वमान में स्थित करके कुछ अच्छे प्रेरक बोल बोलेंगे तो वो उसे स्वीकार करेंगे, क्योंकि हमारे बोल में पॉवर रहेगी, प्रभाव रहेगा, माँ-बाप का क्या होता है नॉर्मली क्योंकि वो बड़े हैं तो उन्हें अधिकार रहता है तो अधिकार से बच्चों को डांटते हैं। और उन्हें पता है कि बच्चे कुछ कहेंगे नहीं सुन लेंगे। लेकिन बच्चे कहीं-कहीं रिवर्स करने लगते हैं, उल्टा-सुल्टा बोलने लगते हैं। जो आत्मिक दृष्टि रखकर खुद स्वमान का अभ्यास करते हुए मैं एक महान आत्मा हूँ, मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। मैं तो विश्व कल्याणकारी हूँ। ये स्वमान याद करते हुए फिर उनको बड़े प्यार से बोलेंगे, ये आज के समय में माँ-बाप को समझ लेना चाहिए कि डाँट का हथियार नहीं आजकल चलेगा, प्यार का हथियार। प्रेरणा देने वाले बोल, उनको हर्ट करने वाले नहीं। मान लो गलत काम ही कर रहे हैं ऐसे में अगर उसे बहुत प्रेरक बात कही जाये तो बच्चे रियलाइज़ करेंगे कि वे रॉन्ग ट्रैक पर हैं। उन्हें महसूस हो कि ये गलत है, इससे तुम्हारी एकाग्रता नष्ट होगी। इससे तुम्हारी प्युरिटी नष्ट होगी, इससे तुम्हारा भविष्य अंधकारमय हो जायेगा, ऐसी अच्छी-अच्छी बातें कहनी चाहिए।