मुख पृष्ठसमाचार"द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेले" में भव्य आध्यात्मिक महासम्मेलन का आयोजन

“द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेले” में भव्य आध्यात्मिक महासम्मेलन का आयोजन

पानीपत,हरियाणा: ब्रह्माकुमारीज पानीपत हुडा द्वारा द्वारा आयोजित “द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेला” 13 फरवरी से 19 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।  

आध्यात्मिक मेला  दिन  भव्य आध्यात्मिक महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध संत-महात्माओं और ब्रह्माकुमारीज के वरिष्ठ राजयोगी भाई-बहनों ने मंच से आध्यात्मिक संदेश दिए। इस   “द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेला” में हजारो की संख्या में भाई बहनों को आध्यात्मिक सन्देश दिया जा रहा है। सभी भाई बहनों को  शिव बाबा के संदेशों को आत्मसात किया और गहरी आध्यात्मिक अनुभूति की।

 इस भव्य आध्यात्मिक महासम्मेलन की शोभा बड़ाने के लिए श्री श्री 1008 स्वामी दयानन्द सरस्वती महाराज, मुरथल से,  आचार्य स्वामी श्री परमानंद महाराज, मध्य प्रदेश से, बीके डॉ. दामिनी, अहमदाबाद से विशेष रूप से पधारी। राजयोगिनी सरला दीदी, राजयोगी भ्राता भारत भूषण जी एवं बी के सुनीता बहन एवं सभी मंचासीन ने मिलकर दीप प्रज्जलित कर इस  आध्यात्मिक महासम्मेलन का शुभारम्भ किया।  

श्री श्री 1008 स्वामी दयानन्द सरस्वती महाराज, मुरथल ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान शिव सारे विश्व के कल्याणकारी हैं, उनके ज्ञान को अपनाने से ही सच्चा कल्याण संभव है। इन ब्रह्माकुमारी बहनों ने परमात्मा शिव के सत्य ज्ञान को प्रैक्टिकल जीवन में धारण किया है। ये बहने धन्य हैं जिन्होंने सारे संसार का कल्याण करने हेतु अपने जीवन को शिव परमात्मा के बेहद कार्य में समर्पित किया है।

आचार्य स्वामी श्री परमानंद महाराज, मध्य प्रदेश ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “आज के समय में संसार शांति और सुख की तलाश में भटक रहा है। लोग सोचते हैं कि महंगे सामान खरीदने से, दुनिया घूमने से, ऊँचे पद और प्रतिष्ठा पाने से सुख मिलेगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि इन सबसे भी मनुष्य की आत्मा खाली और अशांत ही रहती है।” उन्होंने कहा, “सच्ची शांति ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग से मिलती है, जिसे ब्रह्माकुमारीज सिखा रही हैं। ब्रह्माकुमारी बहनें सच्चे संत हैं, जो समाज को सही दिशा दिखा रही हैं।”

राजयोगी बीके भारत भूषण, डायरेक्टर GRC, पानीपत ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “महाशिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मा के जागरण का पर्व है। जब हम भगवान शिव को उनके वास्तविक स्वरूप—ज्योति बिंदु के रूप में पहचानते हैं और राजयोग द्वारा उनसे संबंध जोड़ते हैं, तब हमें जीवन में सच्ची शक्ति और आनंद प्राप्त होता है।

बीके डॉ. दामिनी, अहमदाबाद ने भक्तिमय प्रस्तुति दी: उन्होंने अपनी मधुर भजन संध्या से संपूर्ण पंडाल को भक्तिमय और प्रभुमय कर दिया। उनके द्वारा गाए गए शिव भजनों और आध्यात्मिक गीतों ने श्रद्धालुओं को गहरे आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराई। इसके साथ बीके गुलशन ने भी जागो-जागो शिव भक्तों गीत सुनाया।  

राजयोगिनी बीके सुनीता बहन, संचालिका, हुडा सेंटर ने कहा कि भगवान शिव को याद करने का सही तरीका राजयोग है। केवल प्रार्थना करने से आत्मा को शक्ति नहीं मिलती, बल्कि जब हम ईश्वर को ज्योति स्वरूप में देखते हैं, उन्हें परमधाम में स्थित पिता के रूप में याद करते हैं और अपने जीवन में पवित्रता और श्रेष्ठ कर्मों को अपनाते हैं, तब शिवरात्रि का वास्तविक महत्व सिद्ध होता है।” उन्होंने सभी संतों और अतिथियों का आभार प्रकट किया और शिवरात्रि की आध्यात्मिक विधि के बारे में बताया।

राजयोगिनी बीके सरला बहन, सर्कल इंचार्ज, पानीपत ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजयोग केवल एक साधना नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा है। जब हम राजयोग का अभ्यास करते हैं, तो न केवल हमारे जीवन में परिवर्तन आता है, बल्कि हम पूरे समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।” उन्होंने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को राजयोग अभ्यास कराया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
बच्चों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने पूरे कार्यक्रम में उत्साह और उमंग भर दी। बीके ज्योति बहन ने मंच का कुशल संचालन किया और पूरे कार्यक्रम को सुंदर रूप से प्रस्तुत किया।

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