अम्बाला कैंट: महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण की प्रत्यक्ष उदाहरण स्वरूप राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी जी के प्रथम पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया

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नारी शक्ति की मिसाल है आदरणीय कृष्णा दीदी, परमात्म के जो गुण है, वो गुण ही दीदी में झलकते थे, उन्होंने अपनी सूरत से भगवान की मूर्त दिखाई, वह मन को साधने वाली महान हस्ती थी-मंत्री अनिल विज   

अम्बाला कैंट,हरियाणा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण की प्रत्यक्ष उदाहरण स्वरूप राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी जी के प्रथम पुण्यतिथि पर शांतिधाम 36-37, दयाल बाग, द्वारा खुखरैन भवन, अंबाला कैंट में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम अंबाला सब जोन निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा जो परमात्मा के गुण है वह गुण आदरणीय राजयोगिनी कृष्णा दीदी जी में झलकते थे। उन्होंने कहा मुझे भी कृष्णा दीदी जी से मिलकर उनके गुणों की तेज़ में नहाने का मौका मिला है। मुझे ठंडी हवा का झोंका उनके सानिध्य में मिलता था। दीदी के चेहरे पर हमेशा खुशी होती थी, जिसने लोक परलोक का अर्थ जान लिया है ऐसी ख़ुशी उसी के चेहरे पर आ सकती है। मन को साधने वाली ऐसी महान हस्ती थी आदरणीय कृष्णा दीदी। कृष्णा दीदी जैसे ज्ञान के स्रोत को आज इस पुण्यदिवस पर हम याद करते हैं। दीदी नारी शक्ति की मिसाल है। मैं अपने दिल की गहराइयों से उन्हें सलाम करता हूं। उन्होंने अपनी सूरत से भगवान की मूर्त दिखाई। जिस प्रकार से चंद्रमा शांति की किरणें सारी धरती पर फ़ैलाता है, उसी प्रकार से यह सभी ब्रह्माकुमारी बहनें भी शांति की शक्ति सब पर फ़ैलाते हैं। संसार से सभी कुरीतियों को भगाने का काम करते हैं। सारी दुनिया को शांत बनाने के लिए यह बहनें जो प्रयास कर रहे हैं, उससे बहुत जल्द ही शांति का संसार आएगा। जिससे जन-जन का कल्याण होगा। उन्होंने कहा जो मैं सबसे बड़ा दान समझता हूं वह है ज्ञान दान, जो ज्ञान दान यह बहनें कर रही है, सबके जीवन को मीठा बनाने के लिए। उन्होंने कहा मैंने माउंट आबू के तेज़ और वहां की शांति की तरंगों का भी एहसास किया है वहां की तरंगे बहुत ही सकारात्मक और शक्तिशाली है।

फरीदकोट से पधारे ब्रहमाकुमारीज़ पंजाब ज़ोन डायरेक्टर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी जी ने अपनी शुभ प्रेरणाय देते हुए कहा अपने प्रारंभिक दिनों में समाज तथा लौकिक परिवार से दीदी ने बहुत संघर्ष सहन किया। परमात्मा के प्रति दृढ़ निश्चय के कारण उन्होंने अपनी छोटी आयु में ही परमात्मा की बताई हुई युक्तियों को अपनाते स्वयं को बंधन मुक्त किया और ईश्वरीय सेवाओं में संपूर्ण समर्पित रूप से संलग्न हुए। उनका व्यक्तित्व सबको प्रेरणा देने वाला था जो कोई भी उनसे पहली बार मिलता उसे उनसे अपनेपन की भावना महसूस होती। मन को बहुत सुकून महसूस होता जैसे मन एकदम शांत बुद्धि स्थिर हो गई हो। ईश्वरिय जीवन की मर्यादाओं पर पूरा पूरा चलने को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया तथा अपनी अंतिम श्वास तक भी उन मर्यादाओं को निभाया। उनकी सेवाओं ने कई आत्माओं को ब्रह्माकुमारीज संस्थान के वारिस-गुणवत्ता वाले, अच्छे, सेवा योग्य ब्राह्मण बच्चे बनने के लिए पोषित किया है।

चंडीगढ़ से पधारे ब्रहमाकुमारीज़ पंजाब ज़ोन डायरेक्टर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उतरा दीदी जी ने अपनी शुभ प्रेरणाय देते हुए कहा कृष्णा दीदी जी ज्ञान सुनाने में इतने निपुण थे कि वह रात भर जाग करके भी दूसरों को ज्ञान सुना सकते थे। उन्हें सेवा का इतना शौक था कि लाखों आत्माओं का उन्होंने कल्याण किया। अपने जीवन की हड्डी हड्डी उन्होंने सेवा में लगाई। उनके जीवन में दूसरों के लिए सिर्फ देना ही देना का भाव रहा। वह सदा यज्ञ प्रति आज्ञाकारी वफादार ईमानदार रहे। अपने संग की बहनों को भी उन्होंने ऐसी ही पालन दी थी जिसके आधार से वह आगे बढ़ते रहे और अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाते रहे।

अंबाला सब ज़ोन निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा ईश्वरीय शक्तियों द्वारा उन्होंने अपने जीवन में आई मुसीबतों का सामना किया। उनका संकलप रहता था इस ईश्वरीय परिवार में आने वालों को मैंने अपने शक्तिशाली संकल्पों से भरपूर करके भेजना है। जो भगवान के घर आ गया वह यहां से कुछ ना कुछ अच्छा लेकर जाए यही हमेशा उनका संकल्प रहता था। सभी उनसे बहुत रमणिकता से मिलते थे और अपनी स्थिति बहुत ऊंच बनाकर जाते थे। वह जब तक सबको परिवार की पालना नहीं देते थे उनके मन को चैन नहीं आता था।

ईश्वरीय यज्ञ के ईमानदार वफादार, छोटी मूर्ति में परमात्मा की अति लाडली महान मूर्ति ऐसी अति आदरणीय राजयोगिनी तपस्वीनी कृष्णा दीदी जी को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए ब्रह्माकुमारी टीचर भाई बहनों में विशेष रूप से नीति दीदी, वीणा दीदी, जानकी दीदी, प्रीति दीदी, शैली दीदी, सुमन दीदी, रानी दीदी, कोमल दीदी, सुलोचना दीदी, हरदीप दीदी, निजा दीदी, प्रतिभा दीदी, दिव्या दीदी, मीरा दीदी, शिवानी दीदी, सुभद्रा दीदी, किरण दीदी एवम् आस पास के गांवों से भी पूरा ब्राह्मण परिवार सादर श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पहुंचे।

मंच संचालन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी नीति दीदी ने किया व सबको योग की अनुभूति कराई।

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