दादी हृदय मोहिनी जी सादगी व सरलता की प्रतिमूर्ति थी।
परमात्मा शिव का नंदीगण व ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदय मोहिनी जी की चौथी पुण्यतिथि सारी विश्व में मनाई जा मनाई गई।
नवापारा राजिम,छत्तीसगढ़: परमपिता शिव परमात्मा का नंदीगण, ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदय मोहिनी जी की चौथी पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग़ के जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमार नारायण भाई ने गुलजार दादी के साथ की यादें क्लास वालों को सुनाते हुए बताया कि दादी का जीवन सादगी, सरलता, पवित्रता से भरपूर था । दादी जी ने ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के पश्चात19 69 से 2021 तक निराकार परमात्मा के माध्यम बनकर देश-विदेश के लाखों भाई बहनों को परमात्मा से मिलन करवाया। वह इकोनामि के अवतार थी। हमेशा अपने संकल्प पर ध्यान देती थी कि संकल्प अनावश्यक खर्च नहीं करना है, सफल करना है।दादी के शब्दों में इतनी गहराई होती थी सुनने वाले आत्माओं को शांति , मन को तृप्ति मिल जाती थी। दादी प्रकृति जीत थी। जहां भी दादी जाती थी तो बड़े-बड़े मेगा प्रोग्राम के समय प्रकृति के पेपर भी आए लेकिन उनकी उपस्थिति के समय सारे तूफान शांत हो जाते थे। दादी की अधिकतर निर्संकल्प रहती थी । साक्षी पन की स्थिति पक्की रहती थीऔर बाबा साथी है उन पर संपूर्ण निश्चय रहता था। कई बार उनका प्लेन लेट भी हो जाता है या कैंसिल हो जाता था तो भी वह निरसंकल्प स्थिति में रहती थी। ड्रामा के ऊपर उनका काफी निश्चयता था। I इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्था की संचालिका पुष्पा बहन ने श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि दादी कभी भी किसी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करती थी। दादी इतनी निर्माण चित् रहती थी कभी भी अपना अहं भाव अभिमान आगे आने नहीं देती थी। बच्चों जैसी रहती थी इतना निर्मल स्वभाव था। वरिष्ठ व्याख्याता हेमंत साहू ने बताया की दादी मिलन सार छोटे बड़े सभी से मिलकर चलती थी। अहंकार रिंचक मात्रा भी नहीं था अनेक आत्माओं को परमात्मा से मिलने के निमित्त बनी। दादी कहती थी दिमाग को बर्फ फैक्ट्री, मुख को शुगर फैक्ट्री और दिल को प्यार की फैक्ट्री बना कर रखो। कार्यक्रम के अंत में सभी ब्रह्मा वाटसन ने दादी जी के छायाचित्र पर माला व पुष्पांजलि अर्पित की दादी जी से दृष्टि लेते हुए अपने जीवन को उनके समान बनाने का दृढ़ संकल्प किया।


