मोतिहारी,बिहार।आध्यात्मिक संगठन हिंदू नव जागरण मंच शिक्षा संवाद समिति द्वारा नगर के गांधी संग्रहालय में आयोजित शिक्षा में नैतिक मूल्यों का समावेशन विषयक सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद प्रभु नंदन प्रसाद ने कहा कि शिक्षा समाज के अंधकार से मुक्ति दिलाती है। वर्तमान सिस्टम में आम आदमी त्रस्त है जिसका मूल कारण कर्तव्य बोध का हनन एवं नैतिक पतन है। नैतिकता जबरदस्ती स्थापित नहीं की जा सकती। मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए बीके अशोक वर्मा ने कहा कि शिक्षक हीं चरित्रवान इंसान गढ़ता है इसलिए शिक्षकों के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। गिरावट के दौर में शिक्षकों को अपने आप को बुराइयों से बचा कर छात्रों में नैतिक शिक्षा का समावेश करना होगा ।उन्होंने कहा कि आत्मा की शक्ति कमजोर होने से ही सभी समस्याये बढ़ती जा रही है। अपने को आत्मा के बजाय शरीर समझने से आज मनुष्य देह अभिमान में आ गया है जिसके कारण नैतिक पतन हो रहा है। आध्यात्मिक सशक्तिकरण ही सभी समस्याओं का समाधान है।सहज राजयोग के अभ्यास और ब्रह्म मुहूर्त में परमात्मा से संबंध जोड़ कर आत्मा को सशक्त किया जा सकता है।इससे जीवन मे नैतिक मूल्य पुनर्स्थापित होगी । उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा पत्राचार से दिए जाने वाले नैतिक मूल्यों में पीजी डिप्लोमा एवं पीजी की पढ़ाई पर विस्तार से बताया। कहा कि किसी भी स्कूल में ब्रह्माकुमारीज के बहन भाई को बुला कर मुफ्त में नैतिक शिक्षा का वर्ग चलाया जा सकता है । विशिष्ट वक्ता बीके शिवपूजन राउत अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षा की परिभाषा को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा को हर वर्ग के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने नैतिक शिक्षा पर बहुत बल दिया था। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संजय कुमार तिवारी ने की।