रक्षाबंधन का पावन पर्व अलौकिक विधि से मनाया गया

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जालौर,राजस्थान: रक्षाबंधन पावन पर्व का आयोजन सेवा केंद्र के मुख्य संचालिका राजयोगिनी तपस्विनी ब्रह्मचारिणी रंजू दीदी के सानिध्य में राजयोगिनी भावना दीदी तखतगढ़, उमा दीदी बालोतरा, मिन्नती दीदी सिणधरी, पवनी दीदी सायला, रिंकू दीदी पोकरण, नीता दीदी सिवाना, अस्मिता दीदी बालोतरा, ज्योति दीदी चांदराई, एवं पूजा दीदी, शोभा दीदी, एकता दीदी, रुबी दीदी, शिल्पा दीदी, शिवानी दीदी आदि के कर कमलों एवं अंतर्मन की अनंत शुभाशीष से संपन्न हुआ। इस अलौकिक पर्व का आध्यात्मिक रहस्य इन ब्रह्मचारिणी हंस वाहिनी वीणा वादिनी मां सरस्वती की साकार मूर्तियों द्वारा बताया गया कि तिलक हमारी आत्मा स्मृति में फिट होने का प्रतीक है । तथा राखी पवित्रता की प्रतिज्ञा का घोतक है। हमें पांच विकारों से मुक्त होकर दुखदाई बंधनों से मुक्त बनकर परमपिता शिव परमात्मा के साथ में प्यारा सुखदाई संबंध जोड़ना है।इस अद्वितीय अवसर पर सभा में प्रेम व शांति का समा बंध गया । सभी चिर परिचित देवी मुस्कान एवं सौम्यता धारण करके समारोह में चार चांद लगा रहे थे। रूहानी बहनों द्वारा आत्मिक दृष्टि के साथ चंदन का तिलक लगाकर ,हाथ की कलाई पर पवित्रता का सूचक राखी का धागा बांधकर, जीवन में मिठास को सदैव कायम रखने के प्रतीक स्वरूप मिश्री एवं श्रीफल का प्रसाद खिलाया गया। वरदान के रूप में दिव्य परमात्मा स्लोगन अर्पण किए गए । नन्ही कुमारी दृष्टि, कुमारी सानू व कल्पना ने राखी के गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुति की। ब्रह्माभोजन की महाप्रसादी के साथ समारोह संपन्न हुआ । इस पुनीत पर्व पर बी के डॉक्टर अमित मोहन भाई, डॉक्टर मंजू बहन, डॉक्टर कृष्णा बहन, डॉक्टर दलीचन्द पुंसल, डॉक्टर जसवीर, डॉ संजय भाई, लक्ष्मीनारायण जी, बी एल सुथार, भंवर भाई, आनंद भाई, अश्विन भाई, राजेश भाई लामोरिया, ललित भाई, कांति भाई, हनुमान भाई, भवानी भाई, कुंभाराम भाई,सकाराम जी पूर्व सरपंच चदराई, वर्दारामजी, गुड़िया बहन, सिमरन बहन, प्रियंका बहन, मेथी बहन, साइती बहन आदि अनेकों अनेक ब्रह्मावत्स उन, चांदराई, आहोर, सांकरणा, बिशनगढ़, निंबलाना, नरसाना, जालोर शहर से भारी संख्या में समारोह में उपस्थित रहे।

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