अपने आदि और अनादि स्वस्थिति को जानते हो? सदा अपनी स्व स्थिति में स्थित रहने का अटेन्शन रहता है? जो स्व स्थिति अर्थात् अनादि स्थिति है उस स्व स्थिति में स्थित होना मुश्किल लगता है? और स्थिति में स्थित होना मुश्किल हो भी सकता है, लेकिन स्व स्थिति में स्थित होना तो स्वत: ही और सरल है ना। स्व स्थिति सदा रहती। अगर चारों में से कोई की भी कमी है तो स्व स्थिति में भी कम स्थित हो सकता है। स्व स्थिति का जो वर्णन करते हो उसको सामने रखते हुए फिर सोचो कि कौन-सी चार बातें सदा साथ होनी चाहिए? स्व स्थिति के लक्षण क्या होते हैं? जो भी बाप के गुण हैं उन गुणों का स्वरूप होना इसको कहते हैं स्व स्थिति व अनादि स्थिति। तो ऐसी स्थिति सदा रहे इसके लिए चार बातें कौन-सी आवश्यक हैं? स्मृति में आता है जिन चार बातों के होने से अनादि स्थिति ऑटोमेटिकली रहती है? सुख, शांति, आनन्द, प्रेम की स्थिति स्वत: ही रहती है? पहले यह सोचो कि अनादि स्थिति से मध्य की स्थिति में आते ही क्यों हो? इसका कारण क्या है? (देहअभिमान) देह अभिमान में आने से क्या होता है, देह अभिमान में आने के कारण क्या होते हैं? पर स्थिति सहज और स्व स्थिति मुश्किल क्यों लगती है? देह भी तो स्व से अलग है ना! तो देह में सहज स्थित हो जाते हो और स्व में स्थित नहीं होते हो, कारण? वैसे भी देखो तो सदा सुख व शान्तिमय जीवन तब बन सकती है जब जीवन में चार बातें हों। वह चार बातें हैं – हेल्थ, वेल्थ, हैप्पी और होली। अगर यह चार बातें सदा कायम रहें तो दु:ख और अशान्ति कभी भी जीवन में अनुभव न करें। ऐसे स्व स्थिति का स्वरूप भी है- सदा सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम स्वरूप में स्थित रहना। तो स्व स्थिति से भी विस्मृति में आते हो इसका कारण क्या होता है? वेल्थ की कमी व हेल्थ की कमज़ोरी व होली नहीं बनते हो। इसके साथ साथ हैप्पी अर्थात् हर्षित नहीं रह सकते हो। तो हेल्थ, वेल्थ कौन सी? आत्मा सदा निरोगी रहे, माया की कोई भी व्याधि आत्मा पर असर न करे इसको कहा जाता है हेल्दी। और वेल्दी भी हो अर्थात् जो खज़ाना मिलता रहता है व जो सर्व शक्तियां बाप द्वारा वर्से में प्राप्त हुए हैं उस प्राप्त हुए ज्ञान खज़ाने को व सर्व शक्तियों के खज़ाने को सदा कायम रखो तो बताओ स्व स्थिति से नीचे आ सकते हो? इतना ही फिर होली। संकल्प, स्वप्न में भी कोई अपवित्रता ना हो तो स्व स्थिति स्वत: ही हो जाएगी। इन चार बातों की कमी होने कारण स्व स्थिति में सदा नहीं रह सकते हो। यह चार बातें चैक करो – हेल्दी, वेल्दी कहाँ तक बने हैं? हेल्दी, वेल्दी और होली यह तीनों ही बातें है तो हैप्पी ऑटोमेटिकली होंगे। तो इन चार बातों को सदा ध्यान में रखो।
परमात्म ऊर्जा
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