मुख पृष्ठअंतर्राष्ट्रीय योग दिवसस्वयं को स्वयं आकार देने की तकनीक- राजयोग

स्वयं को स्वयं आकार देने की तकनीक- राजयोग

जीवन को आप स्वयं ही आकार दें :- बहुत लोग खुद से मिलने से डरते हैं। हमें यह सिखाया गया है कि हम एक ऐसी छवि बनायें जो दुनिया को दिखाने लायक हो। जो दर्शाता हो कि हमें क्या होना चाहिए? ना कि वास्तव में हम क्या हैं। जो वास्तव में जीवित हो जाते हैं वो उन चीज़ों को छोड़ जाते हैं, जो उनकी असली पहचान नहीं है। असलियत को यथार्थ न समझना, सत्यता के बीच कोहरा होने से भय लगता है।

भय के प्रभाव से कैसे पार पाया जाए? :- भय से कैसे उठ सकते हैं? शिक्षा और अध्ययन के लिए वास्तिवकता से दुबारा कैसे जुड़ सकते हैं? इसका जवाब है- आध्यात्मिकता। सभी महान आध्यात्मिक परम्पराएं अलग-अलग शब्दों में एक सन्देश देती है कि डरो मत। वो एक आशा को जीवित रखती है कि हम ऐसी स्थिति में प्रवेश कर सकते हैं जो हमारे जीवन को समृद्ध करे, खुशनुमा बनाए, खुशी के बीज बोना सिखाए।

अपनी शक्ति का बेहतर उपयोग करना सीखें :- यह समझना भी उतना ही ज़रूरी है कि शक्ति क्या नहीं है। अक्सर हम अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हैं क्योंकि हम भेद नहीं कर पाते कि वास्तव में शक्ति क्या है? कई बार हमें लगता है कि हमें कुछ काम करने चाहिए या हम कर सकते हैं, जबकि न तो उनकी ज़रूरत होती है, न वे करने चाहिए। यह तब होता है जब बात दूसरे से जुड़ती है। हम सीखते हैं कि हमें क्या करना चाहिए उन लोगों के साथ, जो खुद नहीं करना जानते कि प्रभावी रूप से अपनी शक्ति का प्रयोग कैसे किया जाए।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments