जब हम एक पेड़ लगाते हैं तो सिर्फ जड़ नहीं, बल्कि हम अपनी संस्कृति, कर्तव्य और भविष्य को भी रोपते हैं- ब्रह्माकुमारीज़
वृक्षारोपण करना धरती मां के प्रेम, आदर सम्मान, कर्तव्य और निष्ठा का अभियान है
छतरपुर, म.प्र : ब्रह्माकुमारीज़ किशोर सागर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने एवं प्रकृति प्रेम की जागृति हेतु छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा के मार्गदर्शन में ब्रह्माकुमारीज़ किशोर सागर सहित सिविल लाइन थाना, स्कूल कॉलेज की बच्चियों के लिए गढ़ीमलहरा में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
किशोर सागर में आयोजित कार्यक्रम में बीके रीना ने कहा कि हमें समय से पहले तैयार होना है। हम किसी आपदा का इंतजार ना करें, आपदा के पहले पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लें ताकि भावी भविष्य हमारा सुखद हो सके। हम सबको मिलकर संकल्पित होना होगा कि हम पर्यावरण को बचाएंगे पेड़ लगाएंगे। वृक्षारोपण करना धरती मां के प्रेम, आदर सम्मान, कर्तव्य और निष्ठा का अभियान है।
ब्रह्माकुमारीज़ एवं मिशन परिवर्तन के तहत सभी ने दस- दस वृक्ष लगाने का संकल्प लिया– इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी एवं मिशन परिवर्तन के तहत सभी ने 10-10 वृक्ष लगाकर उन्हें सहेजने का और उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया।
सिविल लाइन थाने में थाना प्रभारी वाल्मीकि चौबे की उपस्थिति में पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दिया गया तत्पश्चात सभी ने मिलकर वृक्षारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का सभी ने संकल्प किया।
इस कार्यक्रम में बीके रीना, रजनी बहन, सुरेंद्र भाई, लक्ष्मण मोदी सहित समस्त पुलिस स्टाफ उपस्थित रहा।
इसी तारतम्य में गढ़ीमलहरा में बच्चों को प्रकृति से जोड़ने एवं उनके भीतर प्रकृति प्रेम को जागृत करने हेतु सुख सागर तालाब के समीप एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके पर बीके कल्पना ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम छोटे थे तो हमें सिखाया जाता था कि जब सुबह सो कर उठो तो सबसे पहले धरती पर पैर रखने से पहले धरती मां को प्रणाम करो और उसे धन्यवाद करो कि आपने हमें अपनी गोद में बड़े प्यार से सुलाया। आज हम आप सबको इस प्रकृति के सानिध्य में इसलिए लाए हैं कि आप इससे दिल से जुड़ सको और इसके महत्व को समझ सको। हम एक पेड़ के साथ अपनी संस्कृति भविष्य और अपने कर्तव्य को भी रोपते हैं।
बच्चियों ने मातृभूमि और प्रकृति मां को धन्यवाद करने हेतु पत्र लिखा -इस अवसर पर बच्चियों ने मातृभूमि एवं प्रकृति मां को धन्यवाद करने हेतु पत्र लिखें जिसमें अपनी दिल की भावनाएं जाहिर की।
बच्चियों ने कहा कि हम मोबाइल में चैटिंग तो बहुत करते हैं लेकिन यह पत्र लिखने का अनुभव हमें बहुत अच्छा लग रहा है हमने पहली बार किसी को पत्र लिखा है हमें बहुत खुशी हो रही है।
सभी ने मिलकर वृक्ष लगाने एवं उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया।








