नवसारी,गुजरात: ब्रह्मा कुमारीज़द्वारा विश्व पर्यावरण दिन मनाया गया। इस अवसर पर नवसारी कृषि युनिवर्सिटी से डॉ . एस. डी. कबाड़ उपस्थित रहे। ब्र.कु. बाबुभाई ने उनका पौधा देकर स्वागत किया।
ब्रहमाकुमारी गीतादीदी ने अपने वक्तव्य में बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 से 5 जून के दिन हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिन मनाकर नागरिकों को प्रदूषण की गंभीर समस्या से अवगत कराया जाता है। प्रकृति की सुरक्षा के प्रति चेतना को जाग्रत करने का प्रयास है। पर्यावरण मे जल, जमीन, जानवर, वन और जनता ये सब आते है। पर्यावरण के खतरे के जवाबदार प्रदूषण अनेक है, जल, वायु, धरती, ध्वनि, वन प्रदूषण, मन का प्रदूषण आदि।
- इंडस्ट्री का किचडा जल को प्रदूषित करता है।
- वायु प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाकर कम किया जा सकता है। वृक्ष हवा मे से कार्बन डाथोकसाइड लेकर शुद्धहवा देता है।
- धरती अन्न, फल, सब्जी देती है। हम जंतुनाशक दवाये रासायनिक खातर तथा जहरीले किचडे से धरती को प्रदूषित करते है। धरती की संभाल कर उसे प्रदूषित होने से रोके।
- ध्वनि प्रदूषण माना बिनजरूरी आवाज का ज्यादा होना। ज्यादा होर्न बजाना, बडे स्पीकरों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण फैलता है।
- मन का प्रदूषण बढ़ने से प्रकृति पे बुरी असर होती है। मन के अंदर अनेक नकारात्मक विचार, बुरी भावनाये, व्यर्थ सोच है। इससे प्रकृति तमोगुणी बन चुकी है। इस पोल्युशन को दूर करने मन में शुद्ध पवित्र संकाव्य करना है। अपने मन रूपी गमले में शुभ सोच का पौधा लगाकर रोज शुभभावना का जल सिंचन करे। पर्यावरण को अच्छा बनाने के के लिए टेरेस गार्डन, कीचन गार्डन बनाकर हरियाली बनाये रखे।
इस अवसर पर उपस्थित कृषि युनिवर्सिटी, नवसारी के डॉ. एस. डी. कबाड साहेब ने अपने वकत्तव्य में बताया कि 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के लिए इस वर्ष का थीम एन्डिंग प्लास्टिक डे है। प्लास्टिक का अति उपयोग हो रहा है इसलिए एन्डिंग प्लास्टिए डे करना पड़ा। जो प्लास्टीक उत्पादन होता है उसमे से 10% प्लास्टीक रीसाइकलिंग होता है। दूसरा सौगता युज प्लास्टिक का पोल्युशन ज्यादा है। जो मानवजात के दिखाए हानिकारक है, परंतु जानवरों के लिए भी हानिकारक है। पर्यावरण का पोल्युशन मानव ही करता है। मानव खुद ही खुद का नुकसान कर रहा है। आज एक दूसरे को देख घर में जरुरत से ज्यादा बडा फ्रिज, ए.सी. आदि युज करते है। वाहनो के अति उपयोग से वायुपोल्युशन होता है। जिससे ग्लोबलवॉर्मिंग बढ़ रहा है। आज बिना मौसम बारिश और अतिशय गरमी होती है। 4 डिग्री तापमान बढ़ चुका है जिससे ग्लेशियर पिघल रहे है। विश्व में जो ग्लेशियर पिघल जाये तो आधा विश्व जलमय हो जायेगा।
वर्तमान में हम थोडे जाग्रत हुए है। बेटी के जज्य के 100 पेड लगाते है। कोई विशेष प्रसंग थे हम वृक्षारोपण करते है। ऑक्सीजन प्राणवाणु है, ऑक्सीजन पैदा करनार पेड ही है, दूसरी कोई फेकटरी नहीं है। इसलिए हमे पेड़ पौधो का ज्यादा से ज्यादा संभाल करना चाहिए।






