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दुर्ग: डॉ.बी.के. शक्तिराज ,माउंट आबू के सानिध्य में “स्मृति से सिद्धि” स्वरूप क्रिएटिव योग भट्ठी

आज के इस योग भट्टी से अपने सभी पुराने संस्कार है उसका अग्नि संस्कार करना है

भगवान को भोलाभाला कहते हैं,भोले रूप में हमारी बुराइयों को मांग रहे है फिर भाले अर्थात कर्मभोग द्वारा हमारे संस्कारों को निकलेंगे

सर्व समस्याओं का समाधान हमारे अंदर है इसलिए परमात्मा ने शरीर के अंदर आत्मा और आत्मा के अंदर मन और मन में सभी शक्तियां छिपी हुई है जैसे इस योग भट्टी से बाहर निकलना है – ब्रह्माकुमार डॉ. बी.के. शक्तिराज भाई

दुर्ग,(छतीसगढ़) : ब्रह्माकुमारीज दुर्ग के बघेरा स्थित “आनंद सरोवर ” के “कमला दीदी सभागार ” में ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आए हुए मेमोरी एवं माईंड मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ.बी.के. शक्तिराज के सानिध्य में “स्मृति से सिद्धि” स्वरूप एक दिवसीय क्रिएटिव योग भट्ठी का आयोजन किया गया। अतिथियों का स्वागत तिलक व पुष्प गुच्छ द्वारा किया गया । योग भट्टी का शुभारंभ भारतीय परंपरानुसार सम्माननीय अतिथियों डॉ.बी.के शक्तिराज (मेमोरी एवं माईंड मैनेजमेंट ट्रेनर),अशोक राठी (प्रदेश उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ) अटल गोदवानी (अध्यक्ष पूज्य सिंधी पंचायत दुर्ग),ज्ञानचंद पाटनी (समाजसेवी),ब्रह्माकुमारी रीटा दीदी (संचालिका ब्रह्माकुमारीज दुर्ग) ब्रह्माकुमारी रूपाली दीदी (वरिष्ठ राजयोगी शिक्षिका) के संग दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।
ब्रह्माकुमारी रीटा दीदी ने आए हुए आगंतुक अतिथियों एवं योग भट्टी में सम्मिलित हुए ब्रह्माकुमारीज दुर्ग के भिन्न-भिन्न सेवाकेंद्रों व सूदूर ग्रामीण अंचल से आये हुए भाई बहनों का स्वागत किया । ब्रह्माकुमारी रूपाली दीदी ने अपनी काव्यमय मंच संचालन द्वारा सभी अतिथियों का अभिनंदन किया एवं ब्रह्माकुमार शक्तिराज भाई के विषय में बताया कि आपके नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड है एवं आप विश्व के एकमात्र ट्रेनर है जिन्होंने 33 वर्ष के आयु में ही 10 लाख से अधिक लोगों को माईंड एवं मेमोरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया ।
डॉ शक्तिराज भाई ने “स्मृति से सिद्धि” स्वरूप क्रिएटिव योग भट्ठी में तन और मन के अनोख सामंजस्य के विषय में बताया । आपने वृतांत के माध्यम से बताया कि परमात्मा ने सृष्टि की रचना की तो ऐसे लगा मानव को ऐसी शक्ति प्रदान कर दिए हैं जिससे उसमें अहंकार आ जाएगा तो वह शक्ति कहां छिपाएं जिससे वह ढूंढ ना पाए तो परमात्मा ने सभी शक्तियां मन के अंदर छिपा दी और आज मनुष्य बाह्य जगत में ढूंढता फिर रहा है अब परमात्मा ने आकर बताया कि सर्व शक्तियां आपके मन के अंदर है।इसलिए कहा जाता है मन के जीते जीत है मन के हारे हार है।आपने क्रिएटिव मेडिटेशन के द्वारा शारीरिक और मानसिक एक्सरसाइज से लोगों को परमात्म सानिध्य और उमंग उत्साह की ऐसी अनुभूति कराए कि लोग पूरे समय में उमंग उत्साह से झूमने लगे ।

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