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स्व ऑडिट : 2025 का लेखा जोखा आगामी वर्ष में नयी उड़ान के संकल्प

एक वह आत्मा जिसने परमपिता शिव बाबा(शिव परमात्मा) के स्नेह शक्ति और श्रीमत के अनुसार अपना जीवन दिव्य बनाने का संकल्प लिया है। 2025 मेरे लिए आत्म परिवर्तन और ईश्वर के निकटता का एक विशेष वर्ष रहा। इस वर्ष में मैंने अनेक संकल्प किए थे- अपने स्वभाव में दिव्य गुणों का विकास करना, संस्कारों में श्रेष्ठता लाना, सम्बन्धों में मधुरता स्थापित करना, बुरी आदतों से मुक्त रहना और निगेटिविटी या व्यर्थ इन संकल्पों को समाप्त करना।

आज मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो अनुभव होता है कि बाबा की कृपा और निरन्तर अभ्यास से बहुत कुछ बदला है। क्रोध की जगह शान्ति ने ली, असहिष्णुता की जगह सहनशीलता आई और सम्बन्धों में पहले से अधिक प्रेम, समझ और सहयोग की भावना विकसित हुई। अनेक बार परिस्थितियां आई, पर हर बार ”मैं परमात्मा का बच्चा हूँ, शक्तिशाली हूँ, ड्रामा में मेरा विशेष पार्ट है” की स्मृति ने मुझे शान्त व स्थिर रखा। यह 2025 का आत्म लेखा-जोखा मेरे लिए एक प्रेरणा है कि परिवर्तन की दिशा सही है, बस निरन्तरता बनाए रखना। फिर भी, कुछ और गहराई की आवश्यकता है- जैसे कि मन की पूर्ण शुद्धता, संगम के समय का सही उपयोग, और हर कार्य में परमात्मा की याद की निरन्तरता। कभी-कभी सेवा में व्यस्तता के बीच बाबा की उपस्थिति को भूल जाता हूँ, यह वह क्षेत्र है जहाँ 2026 में मुझे बहुत सजग रहना है।

उसके लिए नये दिव्य संकल्प के साथ-साथ नया उमंग-उत्साह और तीव्र गति से जो बाबा ने मुझ पर आस रखी है और मेरा निजी लक्ष्य भी है कि परमात्मा के सानिध्य में और निकट होकर सर्वशक्तियाँ और सर्व दिव्यगुणों से सम्पन्न कर लूँ। उसके लिए 6 संकल्प दिल से करता हूँ कि-

  • 1. सदा स्मृति रहे- हर क्षण यह अनुभव रहे कि मैं शान्ति, प्रेम और पवित्रता का फरिश्ता हूँ।
  • 2. सम्बन्धों में श्रेष्ठता- प्रत्येक आत्मा को बाबा का बच्चा समझकर उसके साथ दिव्य दृष्टि और करुणा से व्यवहार करूं।
  • 3. सेवा में नयापन- अपने विचारों, वाणी और कर्म से लौकिक और अलौकिक सेवा में नयापन और शक्ति लाऊं।
  • 4. समय की पवित्रता- हर क्षण, हर पल को बाबा की याद में भरकर जीवन को श्रेष्ठ स्वर्णिम बनाऊं।
  • 5. संयम और सादगी- खान-पान, बोल-चाल और बाबा की बनाई हुई दिनचर्या में मर्यादाएं पालन करूं ताकि आत्म-बल निरन्तर बढ़े।
  • 6. बाबा की अपेक्षाओं पर खरा उतरना- परमात्मा जो चाहता है कि उसका हर बच्चा विश्व का प्रकाश स्तम्भ बने, लाइट हाउस बने, ‘मैं उस कार्य का पात्र बनूँ।’

2025 की यात्रा ने मुझे यह सिखाया कि आत्मा की वास्तविक प्रगति केवल अभ्यास, निष्ठा और बाबा की याद से सम्भव है।

अब 2026 में मेरा लक्ष्य है कि मैं अपनी हर श्वास, हर संकल्प और हर विचार को ‘बाबा के संग रखूं’। जब मैं स्वयं सम्पूर्णता की ओर बढूंगा तो मेरे वायबे्रशन्स से विश्व में शान्ति, प्रेम और एकता का प्रसार होगा। यही मेरा नववर्ष में संकल्प है- ”स्वयं को दिव्य बनाना और परमात्मा की आशाओं को पूर्ण करना।”

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