बैतूल,मध्य प्रदेश। ब्रह्माकुमारीज़ के कला एवं संस्कृति प्रभाग के अंतर्गत भाग्यविधाता भवन, बैतूल में सृजन साहित्य कुंज द्वारा भव्य काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसे इस वर्ष “आसावरी–2025” नाम दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित कवयित्रियों एवं साहित्यप्रेमियों ने अपनी-अपनी स्वरचित कविताओं के माध्यम से विभिन्न सामाजिक, आध्यात्मिक और प्रेरणादायक विषयों पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बहन बासु कनोजिया (C.C.F. बैतूल) तथा विशेष अतिथि कंचन श्रीवास्तव (PGT हिंदी, पीएम श्री विद्यालय, आमला) रहीं। इसके साथ ही ब्रह्माकुमारी मंजू दीदीजी, सृजन साहित्य कुंज की संयोजिका श्रीमती मीरा एंथोनी, बहन अरुणा पाटणकर, विद्या निर्गुडकर, माधवी ठाकुर, मधुबाला देशमुख सहित अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।सृजन सखियों ने मुस्कुराहट, जिंदगी, किसान की व्यथा, नदी, नारी का शौर्य, गुरु का महत्व, आत्मा और परमात्मा जैसे विषयों पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्रभावित किया।
इस अवसर पर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदीजी ने साहित्य की संवेदनशीलता और आध्यात्मिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा—
“भावनाएं जब निखरती हैं तो कविताएं बन जाती हैं, कविता जब निखरती है तो गीत बन जाती है, और गीत जब निखरते हैं तो प्रीत बन जाते हैं। प्रीत जब निखरती है तो जीवन संगीत बन जाता है।”
उन्होंने सभी लोगों को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने हेतु आमंत्रित भी किया।
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