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भिलाई: शुभ भावनाएं हमारे जीवन में हमारा सबसे शक्तिशाली अस्त्र है,इसलिए महादानी बन शुभवनाओं का दान करे…

भिलाई , छत्तीसगढ़:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में कर्नाटक हुबली से आई गीता ज्ञान विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने कहा कि सर्वशास्त्र शिरोमणि श्रीमद् भागवत गीता योग शास्त्र है ना की युद्ध शास्त्र, बाहुबल से विश्व पर किसी ने राज्य नहीं किया सपना तो बहुतों ने देखा लेकिन विश्व पर रामराज्य स्वर्णिम भारत सिर्फ योग बल से स्थापना होगा।

आत्मिक स्मृति स्वरूप और मनन द्वारा हम निश्चिंत जीवन जी सकते हैं, देह में रहते विदेही स्थिति आत्मअनुभूति करने का अभ्यास करना है।

सब में विशेषता देखो जब हम देह अभिमान  में होते हैं तो सबकी कमियां ही दिखाई देती है। शुद्ध भाव में शांत स्वरूप,प्रकाश स्वरूप शक्तिशाली शुद्ध विशेष आत्मा हूं। हमारे सर पर हमारी कमियों के बोझ के साथ दूसरों के कमियों को भी लेकर बैठे हैं,इसलिए परमात्मा से हे अर्जुन कहते हैं मैं फंस गया हु,दिखावे का जीवन,जैसे सरल उदाहरण के द्वारा आपने आज के कलयुग के मानव की व्यथा और गीता ज्ञान द्वारा समाधान बताए। आपने बताया कि रावण परम ज्ञानी, तपस्वी, शिव भक्त था फिर भी अहंकार,घमंड के कारण सिर पर गधे का ताज दिखाते हैं,अपने जीवन में घमंड अहंकार अभिमान को त्याग कर धन्यता  धन्यवाद का भाव जागृत करें।

हम जो बोलते हैं उससे ज्यादा हमारी शुभ-शुद्ध भावनाएं कार्य करती हैं इसलिए शुभ भावनाएं हमारे जीवन में हमारा सबसे शक्तिशाली अस्त्र है हम जो भी सोचते हैं पूरे ब्रह्मांड में फैल जाता है, अच्छा बुरा व्यर्थ सब फैल जाता है इसीलिए सबसे पहले अपने प्रति विशेष शुभभावना रखो।  शुभभावनाओं का फल सदा लाभदायक होता है।  आपने संबंधों के प्रति बताया कि इस सृष्टि रूपी रंगमंच में परमात्मा ने हमें सभी के साथ पार्ट प्ले करने भेजा है तो मैं शुद्ध भाव से सभी के साथ अपना बेस्ट पार्ट प्ले करूंगा। इसीलिए शुभभावनाओं को देने में कंजूसी को छोड़ महादानी बन हमें सर्व के प्रति शुभ भावनाओं का दान करना है।  मैं शुभकामनाओं से संपन्न आत्मा हूं।

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