आध्यात्मिक ज्ञान जीवन जीने के लिए है न कि…

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आत्मा का ज्ञान होने या न होने से हमारे जीवन में क्या फर्क पड़ेगा! बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा क्योंकि जिस तरह मनुष्य जीवन की क्वालिटी आज हो गई है उस क्वालिटी के हिसाब से अपने जीवन में कोई भी खुश नहीं है। और उसका कारण यही है क्योंकि उस वास्तविकता को हमने समझा ही नहीं। और इसलिए हम अपनी जीवनशैली को उस अनुसार न बना सके, न जी सके। जिस तरह से आज मनुष्य जीवन की क्वालिटी हो गई है उसमें हम यही देखते हैं कि दु:ख, अशान्ति, तनाव से हर व्यक्ति ग्रस्त है और भय का जीवन जी रहा है। क्रोध, ईष्र्या ये सारे जो अवगुण हैं वो हमारे जीवन में इतने नैचुरल रीति से आ गये हैं और इस कारण से लाइफ की क्वालिटी एकदम निगेटिव हो गई। तो आत्मा के ज्ञान से हमारे जीवन के अन्दर बड़ा फर्क पड़ता है। हमारे जीवन की क्वालिटी में, ही जीवन की शैली में, हमारे इंटरेक्शन(संवाद) में, हमारे व्यवहार में, कुशलता हमारी विकसित होने लगती है इसीलिए आज के युग में आत्मा का ज्ञान बहुत आवश्यक है। शरीर और आत्मा दो चीज़ है, शरीर की वास्तविकता को हम बहुत अच्छे से जानते हैं शरीर माना पाँच तत्व। और इसीलिए जीवन जीने के लिए हमें वही पाँच तत्वों की आवश्यकता है। आज हमें ऑक्सीजन चाहिए क्योंकि ऑक्सीजन से ही ये शरीर बना है। ये शरीर की वास्तविकता है। जीने के लिए पानी चाहिए क्योंकि 60 से 70 प्रतिशत पानी का हिस्सा है। प्रकाश चाहिए क्योंकि ये शरीर की वास्तविकता है। आज ये पाँचों तत्वों में से एक तत्व भी कम हो जाये तो मनुष्य कितनी घुटन महसूस करता है। पानी जब पीता है तो व्यक्ति सोच के नहीं पीता कि कितना पीना है लेकिन जैसे ही अन्दर का वॉटर लेवल बैलेन्स हो जाता है तो अपने आप गिलास छोड़ देता है।
ठीक इसी तरह आत्मा को भी जीवन जीने के लिए कुछ चाहिए या नहीं चाहिए! शरीर को तो पाँच तत्व चाहिए। शरीर में आत्मा को जीवन जीने के लिए सात गुण चाहिए। और वो सात गुण कौन से हैं? इसीलिए आत्मा को कहा जाता है कि आत्मा सतोगुणी है। शरीर पांच तत्वों का सार है। आत्मा सात गुणों का सार है और आत्मा के वो सात गुण कौन-से हैं? आत्मा के सात गुण हैं – ज्ञान, पवित्रता, प्रेम, शांति, सुख, आनंद और शक्ति। जो हरेक को जीवन जीने के लिए आवश्यक है। सर्वप्रथम हर आत्मा को जीवन जीने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान चाहिए। क्यों चाहिए? क्योंकि आज भौतिक दुनिया के अन्दर विज्ञान अपनी चरम सीमा पर है। उसके बावजूद भी प्रार्थना में बचपन से हमें यही सिखाया गया… अज्ञान से हमें ज्ञान की ओर ले चलो प्रभु। तो जीवन जीने के लिए सबसे पहले आध्यात्मिक ज्ञान की आवश्यकता है।

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