ग्वालियर :अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

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ग्वालियर,मध्य प्रदेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के एजुकेशन विंग द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस” पर कार्यक्रम हुआ।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (इंचार्ज लश्कर सेवाकेंद्र), ब्रह्माकुमार  डॉꓸ गुरचरण भाई  उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम में शुभारम्भ में  ब्रह्माकुमार डॉ गुरचरण भाई  ने सभी को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य स्पस्ट किया साथ ही बताया कि आज वर्तमान समय में प्रत्येक मनुष्य की निर्णय करने की शक्ति तथा सोचने की शक्ति धीरे धीरे कम होती जा रही है क्योंकि  हमारी भावनाएं सबके प्रति एक समान नहीं रहीं अलग अलग हो गयीं है । आज जो व्यक्ति मेरे साथ अच्छा व्यव्हार कर रहे हैं, मेरी सराहना कर रहे हैं उस व्यक्ति के लिए मेरी भावना सकारात्मक होगी वहीँ मेरी ग्लानी या निंदा करने वाले व्यक्ति के प्रति मेरी भावना अलग होगी ।  ईश्वर की बात की जाए तो हम सब जब भी मंदिर में जाते है तो ईश्वर सभी को एक समान वरदानो की अनुभूति कराते हैं, हम सब भी तो उस दाता के बच्चे हैं तो सबके प्रति  एक सोच, सब के लिए शुभ भावना, शुभ कामना, सबके प्रति दया भाव रखना यह हमारा कर्तव्य है ।

सबसे पहली बात अपनी सोच अपनी भावना को बदलने का सबसे अच्छा रास्ता है शुद्ध भोजन क्योंकि मेरे भोजन बनाने से मेरी भावनाएं हर एक के मन पर प्रभाव डालती हैं  ‘तभी कहते हैं जैसा अन्न वैसा मन’ तो जब हम ख़ुशी में, आनंद में, ईश्वर की याद में भोजन बनायेंगे तो उस भोजन में स्वाद भी आयेगा और आपको आन्तरिक ख़ुशी एवं आनंद का अनुभव होने लगेगा । और सबसे बड़ी बात आपका जीवन सदैव खुशनुमा बनता जायेगा तथा आपकी सोच सकारात्मकता में परिवर्तन होती जाएगी ।

तत्पश्चात  ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने भी अपनी शुभकामनयें देते हुए कहा कि अपने जीवन को अच्छे से अच्छा बनाने की सुन्दर विधि है – परिवर्तन । हम सोचते हैं सामने वाला बदले तो मैं बदलू परन्तु नहीं अगर मैंने अपने जीवन को सुन्दर बना लिया तो सामने वाला मेरे जीवन को देख कर स्वतः ही परिवर्तन हो जायेगा ।

दूसरी बात आज से मुझे यह पक्का करना है की अब से मुझे कोई सहयोग करे ना करे परन्तु मुझे सबको सहयोग करना है । यह जीवन को परिवर्तन करने की पहली सीढी है ।

कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमार डॉ गुरचरण भाईजी  ने सभी को मैडिटेशन कराया जिससे सभी को गहन शांति की अनुभूति हुई ।

कार्यक्रम में बी के सुरभि, बी के रोशनी, संजय, विजेंद्र, सौरभ के साथ साथ अनेकानेक लोग उपस्थित थे । 


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