अगर खाने की बात करें तो भारतीय व्यंजन के स्वाद का मुकाबला शायद ही कोई कर सकता है। तरह-तरह के मसाले, जो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। उन्हीं मसालों में से एक है जायफल। लगभग हर रसोई में पाया जाने वाला यह मसाला न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ा सकता है। बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। यह कई पोषक तत्वों से समृद्ध होता है और इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे प्रभाव भी पाए जाते हैं। लेकिन पाठक इस बात पर विशेष ध्यान दें कि जायफल किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल समस्या से बचाव में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है।
जायफल के फायदे
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा किजायफल कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। अब हम आपको बता रहे हैं कि जायफल खाने से क्या होता है और शरीर के लिए इसके फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
अनिद्रा की समस्या में
जायफल का उपयोग अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जि़क्र मिलता है कि दो हफ्तों तक जायफल चूर्ण का इस्तेमाल अनिद्रा से पार पाने में मददगार हो सकता है।
पाचन तंत्र सुधारने में
जायफल का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जि़क्र मिलता है कि आयुर्वेद में जायफल का उपयोग कई समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जाता है, जिसमें खराब पाचन तंत्र को ठीक करना भी शामिल है। साथ ही यह मल त्यागने की क्रिया को भी सरल बना सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में गैस, डायरिया और अपच की समस्या के लिए इसके उपयोग का पता चलता है।
दर्द निवारक के रूप में
जायफल का उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जा सकता है। इस विषय पर डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज(शिकागो) के द्धारा शोध किया गया। शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एनाल्जेसिक गुण यानी की दर्द को दूर करने वाला गुण पाया जाता है।
गठिया के लिए जायफल
गठिया की समस्या में जोड़ों में दर्द के साथ ही सूजन की समस्या हो सकती है। इस विषय से संबंधित एक शोध में पाया गया कि जायफल का उपयोग मांसपेशियों में ऐंठन और गठिया की समस्या में लाभकारी हो सकता है। इसमें एनाल्जेसिक और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये गुण गठिया के दौरान होने वाले दर्द और सूजन में राहत देने का कार्य कर सकते हैं।
मधुमेह में जायफल के गुण
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को बढऩे से रोकने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, कहा जा सकता है कि मधुमेह की समस्या में जायफल का उपयोग लाभदायक हो सकता है।
अवसाद और चिंता दूर करने में
जायफल अवसाद और चिंता की स्थिति में भी फायदेमंद हो सकता है। जानवरों के ऊपर किए गए शोध में पाया गया कि जायफल के जलीय अर्क में एनजियोलिटिक गुण पाए जाते हैं, जो चिंता को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एंटीडिप्रेसेंट गुण पाया जाता है, जो अवसाद को कम करने में मददगार हो सकता है।
मुंहासों को कम करने में
मुंहासों की समस्या से निजात दिलाने में भी जायफल का उपायोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, जायफल में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने की वजह सेे होने वाले मुंहासों से लडऩे का काम कर सकते हैं और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जायफल का उपयोग
अगर अनिद्रा की समस्या है, तो रात को सोने से कुछ देर पहले चुटकीभर जायफल पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
मुंहासों की समस्या है, तो जायफल पाउडर और शहद को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और इसे चेहरे पर लगाएं। फिर कुछ देर सूखने दें और बाद में साफ पानी से धो लें।
जायफल के नुकसान
जायफल की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसका अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। फिलहाल, इससे जुड़ा कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन बेहतर है गर्मियों में इसका सेवन कम किया जाए।
जायफल का सेवन ज़रूरत से ज्य़ादा किया जाए, तो मतिभ्रम, दिल की धड़कनेें सामान्य से तेज होना, घबराहट, उल्टी व मतली जैसी परेशानियां हो सकती हैं। शोध में भी इसे लंबे समय तक लेने की सलाह नहीं दी गई है। खासतौर से, गैस्ट्रिक की जलन की समस्या को जटिल बना सकता है। अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन कर भी रहा है, तो 2 हफ्ते से ज्य़ादा इसका सेवन न करें।
कई बार जायफल का सेवन अधिक मात्रा में करने से ठीक वैसा ही असर हो सकता है, जैसा किसी नशीले पदार्थ के सेवन से होता है।
इससे ड्राई माउथ की समस्या हो सकती है।