इंदौर प्रेम नगर, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय “अनुभूति भवन” प्रेमनगर द्वारा 87वी त्रिमूर्ति शिवजयंती महोत्सव महाशिवरात्रि पर “विश्व सद्भावना का पर्व महाशिवरात्रि” विषय कार्यक्रम का आयोजन किया गया | तत्पश्चात अतिथियों द्वारा शिव सन्देश शोभायात्रा (रेली) को झंडी दिखा कर उद्घाटन किया, जिसमे 250 से अधिक लोग शामिल हुए | रैली का स्वागत काटजू कॉलोनी अध्यक्ष बंटी राजदेव जी एवं अनेक स्थानों पर हुआ | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपस्थित थे :
- भ्राता सुरजीत सिंह टुटेजा जी ( मोटिवेशनल स्पीकर, प्रतिनिधी प्रतापनगर गुरुद्वारा )
- भ्राता डॉ. अनिल शिवानी ( एग्जामिनेशन कंट्रोलर, देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर )
- भ्राता पियस लाकरा ( फादर, डायरेक्टर, सेंटर फॉर इंटर रिलीजियस हारमनी)
- बी. के. शशी दीदी जी (प्रभारी, प्रेमनगर इंदौर पश्चिम क्षेत्र)
- बी. के. यशवनी दीदी (प्रभारी , बिजलपुर सेवाकेंद्र)
- बी. के. शारदा दीदी (प्रभारी, बैराठी कॉलोनी सेवाकेंद्र)
ब्र.कु. यशवनी दीदी एवं ब्र.कु. शारदा दीदी ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छो से किया तत्पश्चात दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया |
इस अवसर पर सभी अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किये| ब्र. कु. शशी दीदी जी ने अपने वक्तव्य में कहा की अध्यात्म हमारे अंदर की वह शक्ति है जो नकारात्मकता को मिटाता है एवं जीवन में सकारात्मकता लता है जैसे कहते है की अच्छे विचार होने से अच्छे कर्म पैदा होते है और अच्छे कर्म बोने से अच्छी आदते पनपती है और अच्छी आदतों से हमारा अच्छा चरित्र बनता है और अच्छे चरित्र से हम देवत्व की ओर बढ़ते है | ब्र. कु. शशी दीदी ने शिवरात्रि का अध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए कहा कि जिस प्रकार हम शिव मंदिर में अक धतूरा बेल दूध इत्यादि चढाते है उसी प्रकार हमें अपने सारे अवगुण, घृणा, एवं समस्त विकार परमात्मा पर अर्पित कर देना चाहिए|
भ्राता डॉ.अनिल शिवानी ने ओम का अर्थ बताते हुए कहा की ओम से ही संसार की उत्पत्ति हुई है | ओम शब्द का उच्चारण करने से हमारे अंदर सकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है | और शांति तो सभी को प्रिय है, हर मनुष्य शांति चाहता है क्योकि शांति हमारा स्वधर्म है अतः हमे स्वयं शांत रहना है और औरो को शांति देना है | उन्होंने भारत देश की महिमा करते हुए कहा की भारत एक महान देश है एवं हम भी अति भाग्यशाली जो हमारा जन्म भी भारत देश में हुआ है |
भ्राता सुरजीत सिंह टुटेजा जी ने ब्रह्माकुमारिज संस्था कि सरहना करते हुआ कहा की यह संस्था विश्व सद्भावना का सन्देश इस “ओम शांति” के मन्त्र से विश्व में फैला रही तथा उन्होंने गुरुनानक जी के वक्तव्य को याद करते हुए कहा की जहाँ पर उस परमात्मा की आरधना होती है वहाँ ओ मौत के फ़रिश्ते को भी जाने इज़ाज़त नहीं है |
भ्राता पियस लाकरा जी ने अपने वक्तव्य में कहा की महाशिवरात्रि पर शिव जी से प्रेरणा लेकर उनके महावाक्य अपने जीवन में उतरना है उनके जो गुणों का उल्लेख किया वह हमे अपने जीवन में धारण करना है |
कार्यक्रम का संचालन ब्र.कु.शारदा दीदी जी ने किया |