लश्कर– ग्वालियर,मध्य प्रदेश। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा हेलीपेड कॉलोनी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया |
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज बी.के.आदर्श दीदीजी, बी.के.प्रहलाद भाईजी, बी.के.महिमा के साथ साथ कॉलोनी के अन्य भाई एवं बहने भी उपस्थित थे |
कार्यक्रम में बी.के.आदर्श दीदीजी ने सभी को बताया की ख़ुशी हमारे जीवन में एक दवाई का काम करती है | अगर हमारे जीवन में ख़ुशी नहीं तो हम स्वस्थ भी नहीं रह सकते है इसलिए ही कहते है – “ख़ुशी जैसी खुराक नहीं” | आज संसार में इतनी बीमारियाँ आदि बढती जा रही उसका मूल कारण ही है प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ख़ुशी की कमी | अब ख़ुशी कहा से आयेगी ? जितना हम सकारात्मक सोचते हैं उतना हम खुश रह सकते हैं | आज हम सभी को ज़रूरत है एक व्यवस्थित जीवन जीने की अपने दिन की दिनचर्या को सुबह ही सेट कर लें और उसके अनुसार ही सारा दिन कार्य करें तो अप देखेंगे आपके सरे कार्य व्यस्थित रूप से संपन्न होंगे और जीवन खुशाल हो जायेगा इसी के साथ साथ आपको मानसिक और शारीरिक रूप से थकान भी अनुभव नहीं होगी |
आगे बी.के.प्रहलाद भाईजी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज हम देखते हैं की इस संसार में प्रत्येक मनुष्य के लिए खुश रह पाना बहुत मुश्किल हो गया है क्योकि ख़ुशी का लेवल कम – ज्यादा होता रहता है सदेव कोई खुश रहता हो वो बड़ी मुश्किल की बात हो गयी है | तो सदेव हमारी ख़ुशी बनी रहे उसके लिए हमें क्या करना चाहिए ? क्योकि ईश्वर ने तो हम सभी को बहुत गुणों से, शक्तियों से भरपूर कर के इस धरा पर भेजा है , सब में कोई ना कोई विशेषता है , गुण हैं परन्तु हम सभी उसे समय पर कार्य में नहीं लगा पाते है | तो जीवन में ख़ुशी का आधार है स्वयं के गुणों को जान कर उन्हें सही रीती कार्य में लाना और दूसरी सबसे ज़रूरी बात है संपर्क में आने वाले हर मनुष्य की विशेषताओं को देखना| हम सभी एक दूसरे के गुण और विशेषता को ना देख कमियों को पहले देखते है तो ज़रूरत है इसको परिवर्तन करने की अर्थात केवल विशेषताएं ही देखें तो जीवन में स्वतः ही ख़ुशी की अनुभूति होने लग जाएगी |
कार्यक्रम में बी.के.महिमा ने भी सभी को अपनी शुभकामनाएं दीं |
कार्यक्रम के अंत में बी.के.आदर्श दीदीजी ने सभी को मैडिटेशन करवाया जिससे सभी को गहन शांति और ख़ुशी की अनुभूति हुई |