टिंडा एक ऐसी शाकाहारी सब्जी है जो पौष्टिकता से भरपूर है। टिंडा को हजम करना आसान होता है। टिंडा ऑक्सिडेंट, फाइबर, कैराटिनॉयड, विटामिन सी, आयरन या पोटेशियम होता है, जो टिंडे को सुपरफूड बनाने में मदद करता है। टिंडे की सब्जी खाते तो सब लोग हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसका औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है, टिंडा के फायदे के बारे में आपको बहुत कम मालूम होगा? इसलिए आगे हम टिंडा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगेे।
टिंडा के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार टिंडा सब्जी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि ये कई बीमारियों के लिए औषधि के रूप में काम करता है। चलिये जानते हैं कि टिंडा कैसे बीमारियों से लडऩे में सहायता करता है…
कब्ज में फायदेमंद
आजकल कब्ज की परेशानी से सब परेशान रहते हैं। कब्ज होने पर टिंडे की सब्जी का सेवन करने से टिंडा के फायदे से राहत मिल सकती है। टिंडे के डण्ठल का शाक मल को नरम करने में मदद करता है।
खून को साफ करने में
खून साफ न होने पर कई तरह के त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना होती है। टिंडे के फल के रस का सेवन करने से रक्त का शोधन तथा मुँह और गला सूख जाने के एहसास से छुटकारा मिलता है। टिंडा खून को साफ कर उससे संबंधित बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है।
पथरी में लाभकारी
आजकल पैकेज्ड फूड और मसालेदार खाना खाने से पथरी होना आम बात हो गयी है। आयुर्वेद के अनुसार इस अवस्था से बाहर आने में टिंडा मदद करता है। टिंडा के ताजे कोमल फलों को कुचलकर, पीसकर रस निकाल लें। 10-15 मिली रस में 65-125 मिग्रा यवक्षार मिलाकर गुनगुना करके पिलाने से पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।
इसके साथ-साथ टिंडे का रस पित्तज विकारों को कम करने के अलावा मूत्र और लीवर संबंधी रोगों में लाभकारी होता है।
मूत्र संबंधी रोगों को करे दूर
अगर मूत्र संबंधी रोगों से परेशान हैं तो टिंडा के फलों का शाक बनाकर सेवन करने से पेशाब करते वक्त दर्द तथा यूरिनरी ब्लाडर या मूत्राशय के सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
प्रदर(ल्यूकोरिया) और डायबिटीज से दिलाये राहत
टिंडे के फलों का रस निकालकर मिश्री मिलाकर पीने से प्रदर तथा प्रमेह में लाभ मिलता है।
आमवात(रूमेटाइड आर्थराइटिस) से दिलाये राहत
आम तौर पर उम्र बढऩे पर जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है, लेकिन आजकल कम उम्र में भी ये समस्या नज़र आती है। ऐसी अवस्था से आराम पाने के लिए टिंडे के फल को पीसकर जोड़ों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है।
कमज़ोरी को करे दूर
अगर लंबे अर्से तक बीमार रहने के बाद कमज़ोरी आ गई है तो पके हुए टिंडे के बीजों को निकालकर मेवे के रूप में सेवन करने से कमज़ोरी और थकान में लाभ होता है।
रोग प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाये
टिंडे का सब्जी के रूप में प्रयोग करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी और फाइबर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जोकि प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाने में मदद करता है।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदे
टिंडा का सेवन हृदय के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाये जाते हैं जोकि हृदय की क्रियाशीलता को नियमित रखकर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को होने से रोकता है।
टिंडा के उपयोगी भाग
आयुर्वेद में टिंडा के फल, जड़ और बीज का सेवन औषधि के रूप में ज्य़ादा होता है।