वर्तमान समाज की इकाई महिलाएं

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बिजावर,मध्य प्रदेश। आजादी की अमृत महोत्सव स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत करुणा एवं दया द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर हुआ कार्यक्रम का सफल आयोजन। सिक्योरिटी विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर आदरणीय संध्या बहन जी, रूपा बहन जी, सेवा केंद्र पचमढ़ी से जिन्होंने असाटी समाज की महिलाओं को संबोधित हुए कहा कि हम अपनी जिम्मेवारी को अपने आप की महत्ता को गहनता से पहचाने। अपने समाज को स्वर्णिम दिशा देने के लिए ,कलर भरने के लिए डिजाइन देने के लिए ,हमें अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे। उसके लिए सहज उपाय हैं राजयोग जिससे हम  सशक्त बनेंगे और हमारा समाज संपन्न संपूर्ण राष्ट्र बन सकेगा। जिसकी कल्पना हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भी की थी।
इसी के साथ उन्होंने कई प्रकार की एक्टिविटी करा कर सबका मन मुग्ध किया। आकृति बहन ने सभी का नृत्य  के द्वारा स्वागत किया इसी श्रंखला में दीप प्रज्वलन कर सभी ने बहन जी का शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया।
कार्यक्रम में असाटी समाज की पूर्व अध्यक्ष बहन सुनीता जी, वर्तमान अध्यक्ष बहन सजनी जी भी मंच पर उपस्थित रही । सेंटर प्रभारी वीके प्रीति बहन जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।आए हुए अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट की। और अंत में प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया।

नारी शक्ति का अवतार है


नारी शक्ति का अवतार है विषय को लेकर छतरपुर बिजावर में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर हुआ कार्यक्रम शुभारंभ।
कहते हैं जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है इसीलिए साल में दो बार नवरात्रि आती हैं एक चैत्र पक्ष की, दूसरी कार्तिक मास की। नारी शक्ति है उसमें अनेक शक्तियों और गुणों का वा गुणों का वास है ,बस जरूरत है अपने आप को पहचानने की जैसे कोई गायक कलाकार होता है उसकी आवाज से समझ आता है कि वह एक सिंगर है। उसी प्रकार नारी भी एक शक्ति है मां दुर्गा ,मां काली ,मां सरस्वती का साक्षात अवतार हैं। फिर वह किसी भी फील्ड में हो उसे अपनी भूमिका को बखूबी निभा ना आता है।
मां शब्द की व्याख्या ही अलग है एक मां वह भी है जो आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को संभालती हैं, लालन पालन करती है, संस्कार सिखाती हैं, तो आप डबल मां  हो।
पचमढ़ी से आई सुरक्षा प्रभाग की नेशनल कोऑर्डिनेटर आदरणीय संध्या बहन जी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा। कार्यक्रम की शुरुआत सभी को ईश्वरीय स्मृति का तिलक देकर दीप प्रज्वलन के साथ किया। इसी के साथ सुपरवाइजर बहन स्मृति सोनी जी ने भी बहन जी का आभार व्यक्त किया और कहा हमारी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है इसका एहसास आपने कराया । क्योंकि हम सभी घरों के कार्यों में व्यस्त रहते है जहां हमें हर भूमिका निभानी पढ़ती है एक मां ,एक पत्नी ,बहू की लेकिन जिस फील्ड में हम हैं वहां हम एक अच्छे कर्मचारी की भूमिका  भी निभानी है। सब कार्य करती अपनी नौकरी को संभालना बड़ा संतुलन वाला कार्य होता है। आज आपने हमें इस चीज का एहसास दिलाया कि जिस तरह अंधेरे कमरे में जरा सी रोशनी आती हैं तो सारे कमरे के अंधेरे को एक रोशनी खत्म कर देती हैं। उसी तरह हम परमात्मा से मिली शक्तियों को मेडिटेशन के द्वारा ग्रहण करेंगे तो परमात्मा में सर्व समस्याओं से निकलने का रास्ता दिखा देंगे और हमें पता भी नहीं चलेगा।
सेवा केंद्र प्रभारी प्रीति बहन जी ने सभी का स्वागत किया। और प्रतिदिन मेडिटेशन करने के लिए कहा। अंत में सभी को ईश्वरीय सौगात एवं प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम संपन्न किया।



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