प्रश्न : मैं चण्डीगढ से राजेश हूँ। मैं एक पत्रकार हूँ। मेरा मन बहुत अशांत रहता है। मन उखड़ा-उखड़ा-सा रहता है। मेरा किसी भी कार्य में मन नहीं लगता। मैं क्या करूँ?
उत्तर : पत्रकारिता में भी और लोगों में भी कंपटीशन बहुत हो गया है। क्योंकि लोगों में क्योंकि स्पिरिचुअलिटी नहीं रही, नि:स्वार्थ भाव नहीं रहा। एक मारा-मारी जैसा वातावरण रहता है। तो मनुष्य सोचता है कि क्या यही जीवन है! क्या इसी के लिए हमने एजुकेशन ली थी। जो चित्त का चैन भी खो दिया, नींद भी खो दी, अशांत और परेशान रहने लगे हैं। सभी मनुष्यों को मैं एक संदेश देना चाहूँगा कि सभी अपने पुण्य कर्मों को बढ़ाएं। ये पाप की ब्रेन पर छाया, पाप का ब्रेन पर दबाव, ये जो हमारी पॉजि़टिव चीज़ें थीं, जो ब्रेन की क्षमताएं थीं, जो हमारी सुख, शांति, खुशी थी उनको नष्ट कर रहा है। जब मनुष्य पाप करता है तो तब वो कुछ नहीं सोचता है। लेकिन जब उसका परिणाम सामने आता है तब उसका हाल बुरा हो जाता है। इसीलिए पुण्य को छोड़ें नहीं। हम किसी को दु:खी न करें, हम किसी को सताये नहीं। हो न हो ये आपके पास्ट कर्मों का ही फल है। क्योंकि ऐसा कोई कर्म नहीं जिसका फल न मिले। हो सकता है वर्तमान में आपका कोई भी कारण न हो, सबकुछ अच्छा हो लेकिन पास्ट का हमारे सबकॉन्शियस माइंड में भर जाता है। इसीलिए ये सब जो हो रहा है ये सब हमारे पास्ट कर्मों का ही फल है।
तो रोज़ आपको एक घंटा अपने लिए देना होगा। ताकि ब्रेन में जो निगेटिव एनर्जी भरी हुई है उसको आप समाप्त कर सकें। और अपना भविष्य सुंदर बना सकें। आप सबसे पहले तो ईश्वरीय ज्ञान लें। ताकि आपका चिंतन बदले। और सवेरे उठते ही आपको बहुत अच्छा अभ्यास करना है, जब भी आप आँख खोलें तो आपको दस मिनट अपने को चार्ज करना है। आपको संकल्प करना है कि मैं तो भगवान का बच्चा हूँ। मेरा परमपिता तो प्यार का सागर है। मैं भी प्यार से भरपूर हूँ। मेरा परमपिता तो शांति का सागर है मैं भी शांत स्वरूप हूँ। वो तो सर्वशक्तिवान है, उसने मुझे भी बहुत शक्तियां दी हैं। वो तो सुख दाता है, दु:ख हर्ता है मेरा जीवन भी सुखों से भरपूर है। आज सारा दिन मैं भी सबको सुख दूंगा। ये जीवन तो सुन्दर यात्रा है। मेरे पास एक अच्छा काम है, अच्छा परिवार है, धन सम्पत्ति भी है। मेरे पास सबकुछ है, मेरे जैसा भाग्यवान कोई नहीं। अपने अंतर्मन को बहुत खुशी से भर देना है। इस तरह के विचार आप सवेरे रोज़ करें, तीन बार कर लें। क्योंकि ये जो मन पर दबाव आ गया है, जो खुशी नष्ट हो गई है। वो सब समाप्त होता जायेगा। और आपका जीवन खुशियों से भर जायेगा।
प्रश्न : मैं इंदौर से हूँ। जब से मेरी थर्ड बेबी हुई है मैं डिप्रेशन में हूँ। मेरी पहले दो बेटियां हैं, हमारे परिवार वालों ने कभी बेटे और बेटियों में भेद नहीं किया। मुझे लड़की हुई सब बहुत खुश हैं। लेकिन इसके जन्म के साथ ही मैं बहुत डिप्रेस्ड फील कर रही हूँ और साथ ही बीमार भी रहने लगी हूँ। मुझे इसका कारण समझ में नहीं आ रहा, मैं क्या करूँ?
उत्तर : ऐसे कई केसेज हमारे सामने आये हैं। जहाँ ऐसी फीलिंग होती है तो माँ के गर्भ के ही अन्दर कुछ दु:खों की, निगेटिव, डिप्रेशन की फीलिंग होने लगती है। देखिये कर्मों की फिलॉसफी के अनुसार इसके पीछे रहस्य यही है कि जो आत्मा आपके घर में आयी है आपका और बच्ची का कर्मों का बहुत कड़ा हिसाब-किताब है। निश्चित रूप से दोनों के बीच में पूर्व जन्मों में पुण्य कर्म नहीं रहे हैं। एक-दूसरे को बहुत कष्ट पहुंचाया है। वो आत्मा बदला लेने के लिए आपकी बच्ची बनकर आपके घर में आ गयी है। तो आप अभी अपने को सम्भालें और किसी तरह से डिप्रेशन को अपने अन्दर न आने दें। दो काम आपको विशेष रूप से करने हैं। जिसके करने से आपका डिप्रेशन पूर्ण समाप्त हो जायेगा और जो आत्मा आपके घर में आयी है उसका चित्त भी शांत हो जायेगा। बच्ची का और आपका दोनों का भविष्य सुन्दर हो जायेगा। पहला उस आत्मा से मन ही मन रोज़ सवेरे आप क्षमा-याचना करेंगी। हमने आपको पूर्व जन्मों में कोई भी कष्ट दिया है जिससे आपका चित्त अशांत हुआ है, हमने आपका दिल दुखाया है तो मैं आपसे सच्चे दिल से क्षमा-याचना करती हूँ। हमें क्षमा देंगे और शांत हो जाओ, सुखी हो जाओ, प्रसन्न हो जाओ, संतुष्ट हो जाओ। तुम अब हमारे घर में आ गई हो तो हम तुम्हें भरपूर प्यार देंगे। अब हम बिल्कुल सच्चे मित्र हैं। ये फीलिंग रोज़ 21 दिन तक आपको देनी है। और दूसरी बात आपको नींद नहीं आती, डिप्रेशन भी हो रहा है जो एक बुरी चीज़ है, आपके भविष्य के लिए अच्छा नहीं रहेगा। इसके लिए आप रोज़ रात को सोने से पहले 108 बार लिखेंगी कि मैं एक महान आत्मा हूँ, बिल्कुल गुड फीलिंग के साथ ये स्वीकार कर लें कि हम भगवान के बच्चे हैं। जैसे ही हम ये स्वीकार करते हैं कि हम भगवान के बच्चे हैं तो हम महान हो गये। ये बिल्कुल शांत में होकर रात को बैठकर लिखें। तो आपके ब्रेन को एक गुड एनर्जी जायेगी। आपका डिप्र्रेशन भी ठीक हो जायेगा। आपको नींद भी अच्छी आयेगी और आप अपनी बच्ची के लिए भी अपने कत्र्तव्य पूर्ण कर सकेंगी। उसे भरपूर प्यार दे सकेंगी।