अलीराजपुर ,मध्य प्रदेश। जिसका मन एकाग्रचित शांत होता है सफलता उन्हीं के नजदीक होती है हम प्रतिदिन राजयोग के माध्यम से मन को सकारात्मक चिंतन दिया करें तो दिन प्रतिदिन आप सफलता के करीब आते जाएंगे।सम्पन्नता का असली अर्थ चीज़ों का जमा होना नहीं होता, बल्कि भीतर इतना भराव होना कि देने में खुशी मिले। जब हम किसी को सुकून, सम्मान, समय या समझ देते हैं और बदले में कुछ पाने की प्रतीक्षा नहीं करते, तभी आत्मा हल्की होती है। रिश्तों में भी यही काम करता है। जहाँ उम्मीदें कम होती हैं और शुभभाव ज़्यादा, वहाँ प्यार टिकता है, वहाँ शांति रहती है। देने की भावना जितनी स्वाभाविक होती जाती है, जीवन उतना सुंदर महसूस होता है। यही वह संपन्नता है जो बैंक में नहीं, दिल में रहती है। यह विचार मां नर्मदा शासकीय महाविद्यालय सोंडवा तहसील में विद्यार्थियों के लिए जीवन क्या है जीवन में एकाग्रता का महत्व इस विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया ।कार्यक्रम के प्रारंभ में सेवा केंद्र संचालीका ब्रह्माकुमारी प्रतिभा बहन ने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्था विश्व में शांति ,एकता ,सहयोग की स्थापना में सतत कार्यरत है। संस्था का उद्देश्य है विश्व का नवनिर्माण करना संस्कार परिवर्तन से श्रेष्ठ समाज का निर्माण करना। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति कार्यक्रम की जानकारी दी और सभी को नशे से मुक्त करने की प्रतिज्ञा कराई ।अंत में आभार प्रकट करते हुए महाविद्यालय के प्रिंसिपल भ्राता राजेश बारिया जी ने बताया कि राजयोग एक श्रेष्ठ विधि है जिससे जीवन को श्रेष्ठ बनाकर अपने विचारों को शांत करके हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। विद्यार्थी जीवन सीखने का उम्र होती है जितना हम सीखते जाएंगे तो हम सदा युवा बने रहेंगे और जिस दिन सीखने की इच्छा खत्म हो जाएगी हम वृद्ध हो जाएंगे। अंत में सभी को राजयोग की प्रैक्टिस कराई गई।







