मन की बातें

प्रश्न : मेरा नाम सोनम है, मैं अगरतला से हूँ। न तो मेरा पढ़ाई में मन लगता है और न ही घर में। मैंने बीए कर लिया है लेकिन अब आगे पढऩे की इच्छा ही नहीं होती। मैं भी परेशान हूँ और घर वाले भी कि आखिर ये लड़की क्या करेगी! मुझे लगता है कि किसी ने मुझ पर उच्चाटन या तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया है। ऐसे में क्या करना चाहिए?
उत्तर : कई बार हम अनुमान लगाते हैं और ये अनुमान भी हमें कमज़ोर करता जाता है। हमारे मन को निगेटिव करता जाता है। तो ज़रूरी नहीं कि जो कुछ भी प्रभाव हो रहा हो तो वो जादू-टोना, तंत्र-मंत्र किसी ने करा दिया हो यानी मन उचट-सा गया हो। ऐसा बहुत लोगों के साथ होता है। लेकिन मनुष्य के द्वारा किए गए पूर्व जन्मों के कर्म भी हैं जो कहीं न कहीं हमें बांधे रखते हैं। मान लो कहीं पाँच सौ साल पहले हमने किसी को कष्ट पहुंचाया था, और पाँच सौ साल में तो 8-10 पुनर्जन्म हो गए। हमारी उनसे कोई पहचान नहीं रही लेकिन सूक्ष्म वायब्रेशन उनके कष्ट के जो हमने उसको सताया, उसके मन में जो दु:ख की फीलिंग हो गई, वो भारी हो गया उसके वायब्रेशन भी अब तक हमारे साथ जुड़े रहते हैं, और वो बड़े सूक्ष्म रूप से हमारे ब्रेन को प्रभावित करते रहते हैं। ब्रेन में कोई न कोई कमी आती रहती है, कोई न कोई ब्लॉकेज हो जाती है, तो इन सब चीज़ों को समाप्त करने का वास्तव में एक सुन्दर तरीका तो ये है कि हम अपने ब्रेन को फिर से एनर्जेटिक करने के लिए या कुछ भी किसी ने हमें खिला-पिला दिया हो, इसको हम माया कहें या संसार में बढ़ा हुआ पापकर्म क्योंकि इसका प्रभाव भी बहुत ज्य़ादा हो रहा है। तंंत्र-मंत्र और कुछ नहीं संकल्प शक्ति ही है। मान लो जैसे रात-दिन कोई बुरा सोचता है, बद्दुआयें देता है जिसको लोग श्राप जैसा कहते हैं। उसके निगेटिव वायब्रेशन हम तक तो आयेंगे पर ये हम पर डिपेंड करता है कि वो हम रिसिव करते हैं या रिजेक्ट करते हैं। अगर अपने चारों ओर एक पॉवरफुल प्रभामंडल बना लें और मन में ये दृढ़ विश्वास हो कि इसका प्रभाव मुझ पर नहीं होगा, या वो पॉवरफुल मेडिटेशन करता है, तीनों चीज़ें मिल गई तो कोई भी तंत्र-मंत्र की शक्ति ऐसे व्यक्ति के सामने फेल हो जाती है। इसलिए रोज़ एक ये संकल्प करेंगे कि हम सर्वशक्तिवान की संतान, मास्टर सर्वशक्तिवान हैं। इस संकल्प को पूरे दिन में अगर हम सात बार करें, 21 बार करें तो हमसे चारों ओर पॉवरफुल वायब्रेशन फैलेंगे। पॉवरफुल औरा हमारे चारों ओर निर्मित हो जायेगा। और ये जो चीज़ें हैं उससे टकराकर वापिस हो जायेंगी। दूसरा संकल्प कि मैं परमात्मा की संतान हूँ और वो है पवित्रता का सागर, तो मैं भी परमपवित्र हूँ। इससे हमारे चारों ओर पवित्र वायब्रेशन बनेंगे। पवित्रता का प्रभामंडल बनेगा। और तीसरा आप पानी को चार्ज करके पीयेंगी। कम से कम पाँच बार पानी को चार्ज कर पियें सारे दिन में। और पानी चार्ज करने का तरीका है पानी को गिलास में लें, उसपर दृष्टि डालें और सात बार संकल्प करेंगे मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। तो आँखों से शक्तियों के वायब्रेशन जल में समा जायेंगे। पानी हमारे वायब्रेशन के लिए सबसे ज्य़ादा सेंसिटिव है। पानी चार्ज होने के बाद उसको पी लें। ऐसा तीन से पाँच बार ज़रूर कर लें। और पूर्व जन्मों में हमने किसी को कष्ट पहुंचाया है तो उन आत्माओं से सुबह उठते ही हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें। सात दिन तक करें कि मैंने अज्ञानवश, क्रोध वश, स्वार्थ वश आपको कष्ट पहुंचाया। कडुवे वचन बोलकर आपका अपमान किया तो सच्चे मन से मैं आपसे क्षमा याचना करती हूँ। तो ये सब आप करेंगी तो जो भी निगेटिव वायब्रेशन आप पर काम कर रहे हैं वो नष्ट हो जायेंगे। आप इस समस्या से मुक्त हो जायेंगी।

प्रश्न : मैं पिछले कुछ समय से ब्रह्माकुमारीज़ विश्व विद्यालय से जुड़ा हुआ हूँ। मेरा प्रश्न है कि अपनी पवित्रता को कैसे बढ़ाया जाये? जब मैं रात को सोता हूँ तो मन में बहुत बुरे-बुरे विचार चलते हैं। कभी-कभी बहुत गंदे स्वप्न भी आते हैं। मैं सम्पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहता हूँ, कृप्या मार्गदर्शन करें?
उत्तर : पवित्र रहने की दृढ़ इच्छा ये एक महान आत्मा के ही लक्ष्ण हैं। और जब कोई व्यक्ति पवित्रता का व्रत ले लेता है कलियुग के इस अंधकार में मानो उसने लाइट जलाया है, प्रकाश जलाया है, दीपक जलाया है। ये भगवान की आज्ञा है, पवित्र रहकर हम उसके कार्य में मददगार बनते हैं। आपको पहले इसके महत्त्व का ख्याल रखना होगा। और महत्त्व है आपके प्युअर वायब्रेशन प्रकृति को पावन करेंगे। आपके पवित्र वायब्रेशन पर्सनैलिटी को चमकायेंगे। पवित्रता जीवन में रॉयल संस्कारों को उजागर करती है। अगर आप राजयोग मेडिटेशन भी करते हैं तो पवित्रता राजयोग मेडिटेशन में एकाग्रता के लिए परम आवश्यक होगी। संसार में क्यों लोगों ने ब्रह्मचर्य को कठिन माना क्योंकि उन्होंने ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा कर ली और उनकी वासनायें अन्दर से उनको ज़ोर मारने लगीं और उनके लिए ये बहुत बड़ा भारी संघर्ष हो गया। जिससे प्युरिटी को एन्जॉय नहीं कर पाते। इसलिए हम कम से कम रोज़ पाँच बार तीन चीज़ों को याद करेंगे मैं आत्मा पवित्र हूँ, मेरा मूल संस्कार ही प्युरिटी है इससे आपके प्युअर संस्कार इमर्ज होंगे। दूसरा परमात्मा ने हमें स्मृति दिलाई कि तुम देव कुल की महान आत्मा हो, अढ़ाई हज़ार साल पूर्व तुम पवित्र देवता थे। आप अपने उस मूल स्वरूप को, ओरिज़नल स्वरूप को याद करें। मैं तो ऐसा पवित्र देवता था जिसके चेहरों को देख कर ही भक्तों के चित्त शुद्ध हो जाते हैं। जिनके वायब्रेशन मंदिरों में भी लोगों को सुख शांति देते हैं। तीसरी बात याद करेंगे कि हम भगवान की संतान हैं जो पवित्रता का सागर है, उसकी पवित्रता के बीज हमारे अन्दर भी हैं। इस तरह से इम्प्युरिटी का जो प्रेशर है वो समाप्त हो जायेगा। सोने से पहले पानी को चार्ज करके पीयें और पानी को चार्ज करने का तरीका होगा मैं परम पवित्र आत्मा हूँ, पानी पर नज़र डालकर सात बार संकल्प करेंगे तो पानी में प्युअर वायब्रेशन जायेंगे और पीते हुए ये संकल्प करेंगे कि इससे मेरी नींद सतोप्रधान हो जाये। और रात को सोने से पहले आप कम से कम पंद्रह मिनट ईश्वरीय महावाक्यों का अध्ययन ज़ारूर करें तो विचार चेंज होते जायेंगे, निगेटिव विचार समाप्त होंगे। प्युरिटी को पॉवरफुल बनाने के लिए, राजयोग ही इसका बेस है। उसको बढ़ाते चलें। आप प्युरिटी को एन्जॉय करेंगे।

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